नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में खेली जा रही इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के एक खिलाड़ी ने ‘सट्टेबाजी के लिए संपर्क किये जाने की सूचना’ दी है जिसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) हरकत में आ गयी है।

एसीयू ने की पुष्टि
कोरोना वायरस महामारी के कारण आईपीएल के 13वें सत्र का आयोजन यूएई में बायो-बबल (जैविक रूप से सुरक्षित माहौल) में हो रहा है ,ऐसे में बाहर के किसी संदिग्ध के खिलाड़ी से सीधे मिलने के मौके को कम कर दिया है। ऑनलाइन संपर्क के कारण हालांकि इसका खतरा बना हुआ है। बीसीसीआई एसीयू के प्रमुख अजीत सिंह ने इसकी पुष्टि की। राजस्थान पुलिस के इस पूर्व पुलिस महानिदेशक ने कहा, ‘‘हां (एक खिलाड़ी ने संपर्क करने की सूचना दी है)’’ उनसे जब कथित सटोरिये के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘हम उस पर नजर रखे हुए हैं। इसमें थोड़ा वक्त लगेगा।’’

ऑनलाइन करप्शन
भ्रष्टाचार रोधी प्रोटोकॉल के मुताबिक गोपनीयता के लिए खिलाड़ी (भारतीय या विदेशी) या फ्रेंचाइजी के नाम का उजागर नहीं किया गया है। पिछले वर्षों के उलट इस साल खिलाड़ी और टीम के सहयोगी सदस्य बायो-बबल में रह रहे है ऐसे में एसीयू संभावित ऑनलाइन भ्रष्टाचार माध्यम पर ध्यान दे रहा है। ज्यादातर खिलाड़ी खासकर युवा इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों पर मौजूद है जहां अनजान लोग प्रशंसक के रूप में उनसे दोस्ती करने की कोशिश करते है।

जांच शुरू
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी खिलाड़ी (आईपीएल में भाग ले रहे) चाहे विदेशी हों या भारत का अंतरराष्ट्रीय और घरेलू खिलाड़ी, सभी कई भ्रष्टाचार रोधी सत्रों में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे अच्छी बात यह है कि जिस खिलाड़ी से संपर्क किया गया, उसे तुरंत एहसास हो गया कि कुछ गड़बड़ है। उसे संदेह था और उसने तुरंत एसीयू के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया। हर खिलाड़ी, यहां तक ​​कि अंडर-19 के खिलाड़ियों को भी भ्रष्टाचार-रोधी प्रोटोकॉल के बारे में अच्छी तरह से पता हैं।’’

स्पोर्टरडार से क़रार
बीसीसीआई ने ब्रिटेन की कंपनी स्पोर्टरडार के साथ करार किया है, जो आईपीएल के दौरान धोखाधड़ी जांच सेवाओं (एफडीएस) के माध्यम से सट्टेबाजी और अन्य भ्रष्ट कार्यों को रोकने के लिए अपनी ‘सेवाएं’ प्रदान करेगी।