एडिलेड: 19 दिसंबर 2020 का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए एक शर्मनाक दिन साबित हुआ। एडिलेड टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों ने एक बेहद शर्मनाक रिकॉर्ड अपने साथ जोड़ लिया है। भारतीय टीम मात्र 36 रन बनाकर आउट हो गयी| ऑस्ट्रेलिया ने पहले टेस्ट मैच में 90 रनों के लक्ष्य को बड़े ही आसानी से हासिल कर लिया। इस तरह भारत को पहले टेस्ट मैच में 8 विकेट से हार झेलनी पड़ी। इस हार के साथ ही भारत चार मैचों की सीरीज में 1-0 से पीछे हो गया है।

भारतीय टीम ने जब नौ विकेट पर 36 रन बनाये थे तब मोहम्मद शमी को चोटिल होने के कारण क्रीज छोड़नी पड़ी जिससे पारी वहीं पर समाप्त हो गयी। आस्ट्रेलिया ने तीसरे दिन दो विकेट खोकर आसानी से लक्ष्य को पाने में कामयाब हो गई। भारत का इससे पहले न्यूनतम स्कोर 42 रन था जो उसने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में बनाया था। टेस्ट क्रिकेट में न्यूनतम स्कोर का रिकार्ड न्यूजीलैंड के नाम पर है जिसने 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ आकलैंड में 26 रन बनाये थे।

भारत की परेशानी यहीं पर समाप्त नहीं हुई है। तेज गेंदबाज शमी की कलाई पर चोट लग गयी है और वह श्रृंखला से बाहर हो सकते हैं। पैट कमिन्स की उठती हुई गेंद उनकी कलाई पर लगी जिसके बाद उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा। इस तरह से भारतीय पारी 21.2 ओवर में समाप्त हो गयी। भारतीय टीम ने पहली पारी में 53 रन की बढ़त हासिल की थी लेकिन इसके बावजूद वह ऑस्ट्रेलिया के सामने सिर्फ 90 रनों का लक्ष्य रख सकी।

भारतीय टीम के 1974 के प्रदर्शन का बोझ सुनील गावस्कर और अजित वाडेकर जैसे दिग्गज ढोते रहे हैं लेकिन अब इसकी जगह एडीलेड के प्रदर्शन ने ली है। गावस्कर की तरह वर्तमान क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली भी यह दिन भूलना चाहेंगे। एक समय भारत का स्कोर आठ विकेट पर 26 रन था और वह टेस्ट क्रिकेट के न्यूनतम स्कोर की बराबरी करने की स्थिति में दिख रहा था लेकिन हनुमा विहारी (आठ) के चौके से टीम क्रिकेट इतिहास के सबसे खराब रिकॉर्ड की बराबरी करने से बच गयी।