दिल्ली:
चीन के उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार को लेकर पश्चिमी देशों के एक प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में गुरुवार को चीन के खिलाफ लाया गया एक प्रस्ताव गिर गया वहीँ भारत ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग से दूरी बना ली.

अब विदेश मंत्रालय ने एक जारी बयान में कहा है कि भारत हमेशा से ही मानवाधिकारों का सम्मान करता है. वहीं भारत का UNHRC में इस मुद्दे पर वोट ना देना उसकी पुराने स्टैंड के अनुरूप है जहां स्पष्ट कहा गया है कि ‘Country-Specific Resolutions’ कभी भी मददगार साबित नहीं होते हैं. ऐसे में मामलों में भारत का यही स्टैंड है कि बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाए.

जानकारी के लिए बता दें कि कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड आइसलैंड, स्वीडन, यूके और अमेरिका जैसे देश चीन के खिलाफ एक प्रस्ताव लेकर आए थे. इस प्रस्ताव को तुर्की जैसे देशों ने भी अपना समर्थन दिया था. मुद्दा ये था कि चीन के Xinjiang क्षेत्र में उइगर मुसलमानों के साथ अत्याचार हो रहा है. लेकिन वोटिंग वाले दिन चीन, पाकिस्तान नेपाल जैसे कई दूसरे देशों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट डाला, वहीं भारत, ब्राजील, मेक्सिको, यूक्रेन और आठ अन्य देशों ने वोटिंग से ही दूर बना ली.