इस्लामाबाद: पाकिस्तान द्वारा भारत से व्यापार दोबारा बहाल करने के प्रयासों को उस वक़्त झटका लगा जब इमरान सरकार के मंत्रिमंडल ने 24 घंटे के भीतर इस मामले में यूटर्न ले लिया. कैबिनेट ने भारत से सीमित मात्रा में चीनी, कपास और गेहूं मंगाने के निर्णय़ को राजनीतिक विरोध के बाद टाल दिया है.
जियो टीवी की खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हालांकि आर्थिक समन्वय समिति के भारत से सूती धागे और चीनी के आयात के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. पाकिस्तान ने मई 2020 में कोविड-19 महामारी के बीच भारत से जरूरी दवाओं और आवश्यक दवाओं के लिये कच्चे माल के आयात पर से रोक हटाई थी.
मंत्रिमंडल की बैठक से पहले इमरान खान की करीबी सहयोगी और मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि समिति के सभी फैसलों के लिये मंत्रिमंडल की मंजूरी जरूरी है और उसके बाद ही उन्हें सरकार से मंजूर माना जाता है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने बुधवार को कहा था कि जनहित को ध्यान में रखते हुए कश्मीर में तनाव के बावजूद व्यापार की बहाली का निर्णय़ किया गया है. पाकिस्तान सरकार की आर्थिक संयोजन समिति ने बुधवार को महंगाई को देखते हुए भारत से इन उत्पादों के सीमित आयात का फैसला किया था. लेकिन ये बात बाहर आते ही पाकिस्तान में हंगामा मच गया. गुरुवार को पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि जब तक भारत कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली नहीं करता तब तक के लिए यह निर्णय टाल दिया गया है.
पाकिस्तान ने भारत के साथ कूटनीतिक और व्यापारिक रिश्ते अगस्त 2019 में निलंबित कर दिए थे, जब भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाते हुए उसके एक केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया था. दोनों देशों ने एक-दूसरे के यहां से अपने शीर्ष राजनयिकों को वापस बुला लिया था. उच्चायोग के स्टाफ को भी वापस बुला लिया गया, या फिर निष्कासित कर दिया गया. तभी से दोनों देशों के रिश्तों में खटास है.
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