आईसीएफए और बीएल एग्रो ने उत्तर प्रदेश में कृषि के भविष्य को आकार देने के लिए हाथ मिलाया
बीएल एग्रो के चेयरमैन घनश्याम खंडेलवाल यूपीएसएसी चेयरमैन उत्तर प्रदेश में कृषि विकास के नए चेयरमैन नियुक्त
लखनऊ:
इंडियन चैंबर फॉर फूड एंड एग्रीकल्चर यानि आईसीएफए ने आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य कृषि परिषद, UPSAC का पुनर्गठन किया। इस अवसर पर, बीएल एग्रो इंडस्ट्रीज के चेयरमैन घनश्याम खंडेलवाल को औपचारिक रूप से यूपीएसएसी का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया उनके साथ सीपीसीएआर के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह को-चेयरमैन और डीसीएम श्रीराम लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक और सीईओ रोशन लाल तमक वाइस-चेयरमैन के रूप में मौजूद रहे। इसके साथ ही निवेश और कृषि निर्यात पर एक गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित किया गया, जिसका विषय था “उत्तर प्रदेश में कृषि का भविष्य गढ़ना”। सम्मलेन में सरकार, शिक्षा जगत और उद्योग जगत के 100 से ज़्यादा लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री दिनेश सिंह ने उत्तर प्रदेश की कृषि रीढ़ को मज़बूत करने के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं और अगर किसानों और उद्योगों को एक स्पष्ट रोडमैप दिया जाए, तो वे निस्संदेह राज्य को, खासकर निर्यात क्षेत्र में तेज़ी से विकास की ओर ले जाएंगे। आईसीएफए के मानद चेयरमैन डॉ. एम.जे. खान ने उत्पादन से हटकर व्यापार की ओर बढ़ने और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश उत्पादन तो बहुत करता है, लेकिन व्यापार बहुत कम करता है। अगर हमें अपने किसानों को सचमुच सशक्त बनाना है, तो इस असंतुलन को दूर करना होगा।
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए Chairman Emeritus, UPSAC Mukesh Singh ने आज की राउंड टेबल कांफ्रेंस के मकसद के बारे में बताया, वहीँ उत्तर प्रदेश राज्य कृषि परिषद के नवनियुक्त चेयरमैन जो BL Agro Industries के भी चेयरमैन हैं, ने अपनी नई ज़िम्मेदारी पर खरा उतरने की बात कही और भविष्य के लिए एक रोड मैप तैयार करने की बात कही, तो चलिए UPSAC के पूर्व और नव नियुक्त चेयरमैनों को सुना जाय.
अपने मुख्य भाषण में, श्री घनश्याम खंडेलवाल ने इस दिन को एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया। उन्होंने कहा, “आज, हमने उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण देखा है। यूपीएसएसी का यह पुनर्गठन, निवेश और कृषि निर्यात पर गोलमेज सम्मेलन के साथ एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है। जहां उत्तर प्रदेश हमेशा उत्पादन में अग्रणी रहा है, वहीं अब हमें प्रसंस्करण और निर्यात पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा। इससे हमारी कृषि अधिक प्रतिस्पर्धी, पर्यावरण अनुकूल और विश्वस्तर पर मान्यता प्राप्त होगी। हमारा रोडमैप मूल्य संवर्धन को प्राथमिकता देगा, जिससे कृषि निर्यात में उत्तर प्रदेश का योगदान दोगुना हो जाएगा।” आईसीएफए के निदेशक श्री तुषार शर्मा ने घोषणा की कि आईसीएफए की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कृषि-प्रदर्शनी, एग्रोवर्ल्ड 2025 पहली बार लखनऊ में आयोजित की जाएगी। यह पारंपरिक रूप से नई दिल्ली में आयोजित होती है। उन्होंने कहा, “यह उत्तर प्रदेश को दुनिया से और दुनिया को उत्तर प्रदेश से जोड़ेगा।”श्री शर्मा ने अंत में कहा, “भारत का कृषि प्रधान राज्य उत्तर प्रदेश, कृषि-आधारित उद्योगों और निर्यात के केंद्र के रूप में तेज़ी से उभर रहा है। खाद्यान्न, गन्ना, फल और सब्जियों का सबसे बड़ा उत्पादक होने के नाते, यह राज्य खाद्य प्रसंस्करण, लॉजिस्टिक्स, कोल्ड चेन, वेयरहाउसिंग और कृषि-प्रौद्योगिकी नवाचारों में निवेश के अपार अवसर प्रदान करता है।”उत्तर प्रदेश में निवेश और कृषि निर्यात के अवसरों पर आयोजित गोलमेज सम्मेलन के दौरान, लीड्सकनेक्ट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) और बीएल एग्रो के सीईओ श्री नवनीत रविकर ने कहा, ”उत्तर प्रदेश कृषि-आधारित विकास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और बीएल एग्रो गुणवत्ता, ट्रेसेबिलिटी और मजबूत मूल्य शृंखलाओं के माध्यम से कृषि उत्पादकता को प्रीमियम निर्यात में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।” सभा को संबोधित करते हुए यूपीएसएसी के मानद चेयरमैन श्री मुकेश सिंह ने परिषद की विविधता और समावेशिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “इस पुनर्गठित परिषद का एक सबसे उल्लेखनीय पहलू महिलाओं की उपस्थिति है, जो हमारे विचार-विमर्श में अत्यंत आवश्यक विविधता ला रही है। यह विविधता उत्तर प्रदेश में कृषि के भविष्य की योजना बनाते समय संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करेगी। मैं आज सभी गणमान्य व्यक्तियों, सदस्यों और प्रतिनिधियों के योगदान के लिए हृदय से धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस सत्र को उत्पादक और ऐतिहासिक बनाया है।”









