जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ टेड्रस एडनम गेब्रेसस का कहना है कि किसी भी महामारी से निपटने के लिए पैसा फेंकने का तरीका बहुत ही अदूरदर्शी और खतरनाक है। यह समय कोरोना महामारी से सबक लेने का है।

पैसा फेंकने का तरीका अदूरदर्शी
डॉ टेड्रस ने रविवार को मनाये जा रहे पहले अंतर्राष्ट्रीय महामारी तैयारी दिवस के अवसर पर वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि अगली महामारी से बचने की बिना कुछ तैयारी किये मौजूदा महामारी से निपटने के लिए पैसा फेंकने का तरीका अदूरदर्शी है। उन्होंने कहा,“ बहुत समय तक हम या तो संकट से घबराते रहे हैं या हमने उसे नजरअंदाज किया है। हम महामारी से निपटने के लिए पानी के तरह पैसा बहाते हैं और जैसे ही वह संकट खत्म हो जाता है, हम उसे भूल जाते हैं और अगली महामारी से बचने के लिए कुछ भी तैयारी नहीं करते हैं। यह तरीका न सिर्फ अदूरदर्शी और खतरनाक है बल्कि समझ से भी परे है।”

सबक़ लेने का समय
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि यह समय कोरोना महामारी से सबक लेने का है। इतिहास हमें बताता है कि महामारियां जीवन का हिस्सा हैं। महामारियों ने मानव, पशु और ग्रह के स्वास्थ्य के बीच के अंर्तसंबंध को दिखाया है। उन्होंने कहा कि पिछले 12 माह के दौरान पूरी दुनिया उथलपुथल हो गयी है । महामारी का असर सिर्फ बीमारी तक सीमित नहीं रहता है बल्कि इसका समाज और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

तैयारी की क्षमता बढाने की दिशा में हो निवेश
डॉ टेड्रस ने कहा कि सभी देशों को सभी प्रकार की आपात स्थिति की पहचान , बचाव और रोकथाम के लिए अपनी तैयारी की क्षमता बढाने की दिशा में निवेश करना चाहिए तथा प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा, “ जनस्वास्थ्य में निवेश करके हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे बच्चों और उनके बच्चों को एक सुरक्षित और चिरस्थायी दुनिया मिले।”