धर्मशाला:
आमतौर पर जब दुनिया की सबसे मज़बूत टीमों का नाम लिया जाता है तो अक्सर न्यूज़ीलैंड को उस सूची में शामिल नहीं किया जाता है, लेकिन जैसे ही ये टीम आईसीसी टूर्नामेंट में खेलने आती है वे सबसे मज़बूत दिखाई देने लगते हैं। आईसीसी टूर्नामेंट में न्यूज़ीलैंड ने सभी टीमों को परेशान किया है, लेकिन ख़ास तौर से भारत को उनकी वजह से काफ़ी तकलीफ़ हुई है। भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच 22 अक्तूबर को धर्मशाला में वर्तमान विश्व कप का मुक़ाबला होना है। इससे पहले एक नज़र डालते हैं उन पांच मौकों पर जब विश्व कप में न्यूज़ीलैंड ने भारत को दर्द दिया है।

1992 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड ने मिलकर विश्व कप होस्ट किया था। भारत को न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उनके घर में ग्रुप स्टेज मुक़ाबला खेलना था जिसमें पहले बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने 230/6 का स्कोर बनाया था। सचिन तेंदुलकर ने चार नंबर पर खेलते हुए 84 रनों का योगदान दिया था तो वहीं कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने भी 55 रन बनाए थे। न्यूज़ीलैंड के लिए क्रिस हैरिस ने नौ ओवर में 55 रन देकर तीन विकेट लिए थे। स्कोर का पीछा करते हुए न्यूज़ीलैंड ने 36 के स्कोर पर पहला विकेट गंवाया था और ये विकेट मनोज प्रभाकर ने लिया था। हालांकि, इसके बाद मार्क ग्रेटबैक ने 73 और एंड्रयू जोंस ने 67 रनों की पारी खेलकर भारत की हर उम्मीद को ख़त्म किया था। प्रभाकर ने 10 ओवर में 46 रन देकर तीन विकेट लिए थे, लेकिन न्यूज़ीलैंड को 48वें ओवर में मैच जीतने से नहीं रोक पाए थे।

1999 विश्व कप के सुपर सिक्स में भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जीत हासिल करके सेमीफ़ाइनल की ओर कदम बढ़ाए थे, लेकिन उनके सामने न्यूज़ीलैंड की चुनौती थी। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत ने 251/6 का मज़बूत स्कोर खड़ा किया था जिसमें अजय जाडेजा ने सर्वाधिक 76 रनों का योगदान दिया था। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 227 रनों का लक्ष्य बचा लेने के बाद भारत से इस मैच में भी काफ़ी उम्मीदें थीं। न्यूज़ीलैंड ने एक छोर से विकेट गंवाए और 90 के स्कोर तक उनके तीन बल्लेबाज़ आउट हो चुके थे। हालांकि, न्यूज़ीलैंड के ओपनर मैट हॉर्ने ने 76 रन बनाकर उनके लिए काफ़ी मुश्किलें पैदा कीं। इसके बाद रॉजर ट्वोसे ने नाबाद 60 रनों की पारी खेलते हुए न्यूजीलैंड को 48.2 ओवर में ही जीत दिला दी।

2016 टी-20 विश्व कप भारत में खेला गया था और सुपर-10 के मुक़ाबले में भारत का सामना न्यूज़ीलैंड से नागपुर में हुआ था। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए न्यूज़ीलैंड केवल 126/7 का स्कोर ही बना सकी थी जिसमें कोरी एंडरसन ने सर्वाधिक 34 रन बनाए थे। अंतिम ओवरों में ल्यूक रोंची ने 11 गेंदों में नाबाद 21 रनों की अहम पारी खेली थी। भारत के लिए पांच गेंदबाज़ों ने एक-एक विकेट लिए थे। स्कोर का पीछा करते हुए भारत ने पावरप्ले में ही 26 के स्कोर पर चार विकेट गंवा दिए थे। 11वें ओवर तक भारत का स्कोर 43/7 था। अंत में भारतीय टीम केवल 79 के स्कोर ही सिमट गई थी। न्यूज़ीलैंड के लिए मिचेल सैंटनर ने चार ओवर में केवल 11 रन देते हुए चार विकेट लिए थे। ईश सोढ़ी को चार ओवर में 18 रन देकर तीन विकेट लिए थे। न्यूज़ीलैंड के स्पिनर्स ने 11 ओवरों में केवल 44 रन ख़र्च करते हुए नौ विकेट चटका दिए थे।

2019 के सेमीफ़ाइनल में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच हुआ ये मुक़ाबला शायद ही कोई भारतीय फैन को भूलेगा। बारिश के कारण मैच का परिणाम दो दिन में निकला था। पहले दिन न्यूज़ीलैंड ने बल्लेबाज़ी करते हुए केवल 239/8 का स्कोर बनाया था जिसमें केन विलियमसन ने सर्वाधिक 67 रनों का योगदान दिया था। दूसरे दिन जब भारत की बल्लेबाज़ी आई तो अनुकूल परिस्थितियों में न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ों ने कहर बरपा दिया। पांच शतक लगाने वाले रोहित शर्मा को दूसरे ओर में ही मैट हेनरी ने पवेलियन का रास्ता दिखाया और फिर 24 के स्कोर तक भारत के चार और 92 तक छह बल्लेबाज़ आउट हो चुके थे। एमएस धोनी (50) और रवींद्र जाडेजा (77) के बीच सातवें विकेट के लिए 116 रनों की साझेदारी हुई और भारत ने मैच में वापसी की थी। ट्रेंट बोल्ट ने जडेजा को आउट किया और फिर धोनी के रन आउट के साथ ही भारत की सभी उम्मीदें ख़त्म हो गई। भारतीय टीम 221 के स्कोर पर ऑल आउट हुई और 18 रन से हारते हुए फ़ाइनल की रेस से बाहर हो गई।

भारत को केवल वनडे ही नहीं बल्कि टी-20 विश्व कप में भी न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ करारी हार झेलनी पड़ी है। 2021 टी-20 विश्व कप के सुपर-12 राउंड के मैच में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत की टीम केवल 110/7 का स्कोर ही बना सकी थी। भारत को पहले 10.1 ओवर में न्यूज़ीलैंड ने केवल 48 रन बनाने दिए थे और इस दौरान उनके चार विकेट भी चटका दिए थे। इस मैच में भारत के लिए सर्वोच्च 26 रन रवींद्र जाडेजा ने बनाए थे। बोल्ट ने न्यूज़ीलैंड के लिए सबसे अधिक तीन विकेट लिए थे। न्यूज़ीलैंड ने केवल 14.3 ओवरों में ही मैच अपने नाम कर लिया था। डैरिल मिचेल ने ओपनिंग करते हुए 49 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी।