एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट
मायावती उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री बनी। सामान्यतया यह अपेक्षा की जाती है कि इस दौरान उसने दलित हित में बहुत कुछ किया होगा परंतु जमीनी सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है जैसाकि निम्नलिखित कुछ उदाहरणों से स्पष्ट है:-
मायावती के उक्त दलित विरोधी गैर कानूनी कृत्य के विरुद्ध कुछ दलित संगठनों ने इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती देकर रद्द करवाया था। परंतु मायावती ने इसके बाद जो शासनदेश जारी किया उसमें अपने पूर्व शासनदेश को रद्द करते हुए यह भी लिख दिया कि इस एक्ट का किसी भी दशा में दुरुपयोग नहीं होना चाहिए जिसका मतलब पुलिस वाले बहुत अच्छी तरह से समझते हैं।
उपरोक्त कुछ उदाहरणों से स्पष्ट है कि मायावती कितनी दलित हितैषी रही है।
एक बालिका की हालत गंभीर, मेडिकल कालेज रेफरबाबा अहमद शाह की मजार पर गुरूवार से…
ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। जिला बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव की मतगणना शांतिपूर्ण माहौल…
लखनऊ ।उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फरेंसिक साइन्स लखनऊ ने आज संस्थान को और अधिक…
(आलेख : शमसुल इस्लाम) भारत में राष्ट्रविरोधी, अमानवीय एवं धार्मिक रूप से कट्टर नागरिकता संशोधन…
लखनऊ।डाबर की ओर से इंस्टेन्ट एनर्जी ड्रिंक डाबर ग्लुकोज़ ने युवाओं में खेल प्रतिभा को…
आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र लखनऊ:…