लखनऊ: आज एचडीएफसी बैंक 2031-32 तक कार्बन न्यूट्रल बनाने की अपनी योजना की घोषणा की। इस अभियान के तहत, बैंक अपना उत्सर्जन, ऊर्जा एवं जल का उपभोग कम करेगा। बैंक अपने कार्य संचालन में रिन्यूएबल ऊर्जा का समावेश कर उसका इस्तेमाल बढ़ाएगा।
अपनी ईएसजी की कार्ययोजना के तहत, बैंक हरित उत्पादों, जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों को कम ब्याज दर पर लोन देने पर केंद्रित होगा और अपने क्रेडिट के निर्णयों में ईएसजी का समावेश करेगा। बैंक ग्रीन बॉन्ड्स जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क पर भी काम कर रहा है।

5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस से पहले की गई यह घोषणा अपने व्यवसाय में ईएसजी का समावेश करने की बैंक की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। बैंक ने कार्बन न्यूट्रल बनने का उद्देश्य हासिल करने के लिए त्रिसूत्री रणनीति अपनाई है: उपभोग कम करना, रिन्यूएबल ऊर्जा का इस्तेमाल करना, और कार्बन फुटप्रिंट काम कम करना।

मिस आशिमा भट्ट, ग्रुप हेड-सीएसआर, बिज़नेस फाईनेंस एवं स्ट्रेट्जी, एडमिनिस्ट्रेशन व इन्फ्रास्ट्रक्चर, एचडीएफसी बैंक ने कहा, ‘‘शेयर्ड फ्यूचर का मतलब है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए व्यक्ति, कंपनियों एवं देशों, सभी को मिलकर काम करना होगा।’’