लखनऊ–काकोरी
भारतीय समन्वय संगठन (लक्ष्य) की लखनऊ टीम ने बहुजन जागरूकता अभियान के तहत लखनऊ के काकोरी क्षेत्र के गांव पठानखेड़ा का दौरा किया और बहुजन समाज के लोगों के साथ एक भीम चर्चा की ।

जितना देर से जगोगे उतना ही ज्यादा नुकसान समाज को, आपको, आपके बच्चों को और आपकी आने वाली पीढ़ियों को होगा l जगने का मतलब एक ही क्षेत्र के लिए नही होता है। वह जीवन के हर क्षेत्र के लिए होता है, चाहे वह सामाजिक क्षेत्र हो, राजनैतिक क्षेत्र हो, आर्थिक क्षेत्र हो या धार्मिक क्षेत्र हो, वे सभी क्षेत्रों में जागरूक होते है अर्थात् जो जागरूक होते है उनका शोषण, अत्याचार व उनके अधिकारों का हनन नहीं होता है उनके पास जीवन जीने के सभी संसाधन होते है l वे हमारी तरह लाचार कमजोर साधन विहीन नही होते है l

यह फर्क हमे समाज में यहीं दिखाई दे जायेगा अर्थात् आपके गांव में ही देख लो आपके पास रहने के लिए भी जमीन नहीं है दूसरी तरफ मुट्ठी भर लोगों के पास बड़े बड़े खेत है रहने के भी उनके पास बड़े बड़े मकान है,साधन संपन्न लोग है क्योंकि वे जागरूक है, अपने महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलते है वे लोग, एकजुट रहते है और अपने संसाधनों को बचाने के लिए लड़ने मरने को तैयार रहते है। जबकि हम लोगों में इन सभी गुणों का अभाव है अर्थात् ये गुण हमसे कोसो दूर है। यह बात लक्ष्य कमांडरों ने अपने संबोधन में कही l

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कल की बेहतरी के लिए आज ही जगना होगा, डंडा झंडा उठाना होगा, अपने महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलना होगा मानवीय जीवन जीने के संसाधनों को प्राप्त करने के लिए निडरता से संघर्ष करना होगा, सड़को पर निरंतर आंदोलन करना होगा ।

इस भीम चर्चा में लक्ष्य कमांडर रेखा आर्या, संघमित्रा गौतम, कंचन नैना, प्रीती गौतम,अनीता गौतम,मनीषा गौतम,नीलम गौतम,एस पी कौशल, राहुल गौतम, शैलेन्द्र राजवंशी,अजय बौद्ध, राज बहादुर गौतम,राम पाल गौतम,विजय कुमार,राज पाल,पवन सिंह ने हिस्सा लिया ।