लखनऊ: भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि हाथरस कांड (hathras case) व डॉ. कफील खान प्रकरण (dr Kafeel case) में योगी सरकार को दोहरा धक्का लगा है।

पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव (sudhakar yadav) ने शुक्रवार को कहा कि हाथरस कांड में ऊंची जाति के जिन आरोपियों को बचाने के लिए राज्य की भाजपा सरकार ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था, वे सभी सीबीआई की जांच में गैंगरेप व हत्या के दोषी पाए गए हैं और आज अदालत में दायर सीबीआई की चार्जशीट में नामजद किये गए हैं। दूसरी ओर, डॉ. कफील खान प्रकरण में उन्हें रासुका (NSA) से बरी कर रिहा करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में यूपी सरकार की अपील खारिज होने से योगी सरकार को डबल धक्का लगा है।

का. सुधाकर ने कहा कि राज्य सरकार ने हाथरस कांड की सीबीआई जांच का आदेश जनदबाव में ही दिया था। इसके पहले, सरकार व प्रशासन द्वारा सवर्ण दबंगों से संबंधित अभियुक्तों को बचाने के लिए मामले पर लीपापोती करने, पीड़िता की लाश को रातोंरात जलाकर सबूतों को नष्ट करने समेत सभी उपाय किये गए, जो उन्नाव रेप कांड में तत्कालीन भाजपा विधायक सेंगर को बचाने के लिए किये गए थे। उन्होंने उम्मीद जतायी कि पीड़िता और उसके परिवार को शीघ्र न्याय मिलेगा।

माले नेता ने कहा कि योगी सरकार द्वारा लोकतंत्र को निरुद्ध करने और तानाशाही थोपने के प्रयासों को डॉ. कफील मामले में मुंह की खानी पड़ी है। इससे सरकार सबक लेगी और मानवाधिकारों व जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करेगी।