टीम इंस्टेंटख़बर
वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को उत्तराखंड पुलिस ने गुरुवार, 13 जनवरी को हरिद्वार में दिसंबर 2021 में आयोजित तीन दिवसीय धर्म संसद में हेट स्पीच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है.

विवादास्पद हिंदुत्व नेता यति नरसिंहानंद द्वारा 17 से 19 दिसंबर तक उत्तराखंड के तीर्थ शहर हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जहां अल्पसंख्यकों को मारने और उनके धार्मिक स्थलों पर हमला करने के लिए कई भाषण दिए गए थे।

हरिद्वार में हाल ही में आयोजित की गई ‘धर्म संसद’ में कई वक्ताओं ने नफरती भाषण दिएजिसके बाद हरिद्वार पुलिस ने केस दर्ज किया. लेकिन कई दिन बाद भी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इसी दलील को रखते हुए कपिल सिब्बल ने याचिका दायर की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को भी तैयार हो गया. जिसके बाद अब जाकर इस मामले में पहली गिरफ्तारी हुई है.

कुछ महीने पहले ही हिन्दू धर्म के साथ जितेंद्र नारायण त्यागी का नाम अपनाने वाले लखनऊ निवासी 52 वर्षीय रिजवी सहित कुल 10 लोगों के खिलाफ इस मामले में नामजद एफआईआर दर्ज की गई है. रिजवी पहले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख रह चुके हैं.

हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक आयोजित ‘धर्म संसद’ में हुए कथित घृणा भाषणों के संबंध में यह पहली गिरफ्तारी है. यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होंगी, पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह आगे की विवेचना पर निर्भर करेगा. हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई से जोड़कर देखा जा रहा है. क्योंकि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट सुनेगा और पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड पुलिस और गृह मंत्रालय से ये जवाब मांगा था कि अब तक आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. अब अगली सुनवाई से ठीक पहले एक आरोपी की गिरफ्तारी की गई है.

बताया गया है कि दो अन्य आरोपियों यति नरसिंहानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को पेश होने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं. ये तीनों उन अन्य लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि रिजवी को जहां गिरफ्तार किया गया है, वहीं यति नरसिंहानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के तहत पेश होने के लिए नोटिस भेजे गए हैं.