हमीरपुर
क्षय रोग उन्मूलन अभियान को और धार दी जाएगी। जनपद की ग्राम पंचायतों को क्षय रोग से मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। साथ ही 24 मार्च को मनाए जाने वाले विश्व टीबी दिवस पर पर रोग से ग्रसित मरीजों को समाज के सक्षम लोगों, स्वयं सेवी संस्थाओं और औद्योगिक घरानों को गोद लिए जाने का अभियान चलाकर सभी ग्राम पंचायतों को क्षय रोग से मुक्त किया जाएगा।

उक्त जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.रामअवतार सिंह ने गुरुवार को अपने कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे लेकर जनपद की प्रत्येक ग्राम पंचायत को क्षय रोग से मुक्त कराया जाएगा। क्षय रोग से मुक्त होने वाली ग्राम पंचायतें पुरस्कृत की जाएंगी। उन्होंने बताया कि जनपद में क्षय रोग से ठीक होने वाले रोगियों का प्रतिशत 93 है। सभी रोगियों की जांच व उपचार की सुविधा उपलब्ध है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.महेशचंद्रा ने बताया किजनपद में कुल सात टीबी यूनिट हैं, जिनके अंतर्गत 13 माइक्रोस्कोपी सेंटर हैं। डीटीसी हमीरपुर, जिला अस्पताल, सीएचसी कुरारा, राठ, नौरंगा, मौदहा, छानी, मुस्करा, इमिलिया, सरीला, गोहांड व पीएचसी सिसोलर, सुमेरपुर में टीबी की जांच एवं दवाओं की सुविधा है। जनपद में 928 डॉट्स सेंटर हैं, जिनमें आशा कार्यकर्ता द्वारा क्षय रोगियों को अपने सामने दवा का सेवन कराया जाता है। क्षय रोगियों की डीएमसी पर एचआईवी एवं डायबिटीज की जांच नियमित की जाती है। एमडीआर टीबी (मल्टी ड्रग रजिस्टेंट) की जांच के लिए एक सीबी नॉट एवं तीन ट्रूनेट जांच मशीनें हैं। सीबी नॉट जिला अस्पताल और ट्रूनेट जांच मौदहा और राठ सीएचसी में स्थापित हैं।

जनपद में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य प्रथम त्रैमास 2023 में 653 के सापेक्ष 528 जो कि 81 प्रतिशत है। निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत प्रत्येक क्षय रोगी को इलाज के दौरान खाते में पांच सौ रुपए की धनराशि भेजी जाती है। क्षय रोगियों के साथ रहने वाले बच्चों को टीबी न हो, इसके लिए उनको आईएनएच ड्रग उपलब्ध कराया जाता है। वार्ता के दौरान पीपीएम कोआर्डिनेटर राजेंद्र प्रसाद, एसटीएस कमल बाबू सोनकर सहित विभागीय कर्मचारी मौजूद रहे।