हमीरपुर
छह माह के लंबे अंतराल के बाद रविवार को जनपद भर में पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ हो गया। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पल्स पोलियो अभियान के शुभारंभ का कलेक्ट्रेट में वर्चुली प्रदर्शन हुआ। जनपद में1.43 लाख बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाने को लेकर 598 बूथ बनाए गए हैं। जिलाधिकारी डॉ.चंद्रभूषण त्रिपाठी ने जिला महिला अस्पताल में शून्य से पांच साल के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई।

पोलियो अभियान का शुभारंभ करने के दौरान जिलाधिकारी ने शून्य से पांच तक के अभिभावकों का आह्वान किया कि वह अपने बच्चों को अवश्य पोलियो की खुराक पिलाएं ताकि बच्चे पोलियो के अभिशाप से मुक्त हो जाएं। पोलियो के खिलाफ शुरू हुआ यह अभियान कारगर साबित हुआ है। आज देश से पोलियो की लगभग विदाई हो चुकी है। थोड़ी-बहुत जो कसर रह गई है वो अभियान के माध्यम से पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि अब पोलियो के केस इक्का-दुक्का ही मिलते हैं। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत भी मौजूद रहे। उद्घाटन के बाद डीएम ने जिला महिला अस्पताल का निरीक्षण किया। तीमारदारों से बातचीत की। ड्यूटी रूम में दवाओं आदि की उपलब्धता को देखा।

इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.महेशचंद्रा, एसीएमओ डॉ पीके सिंह, डॉ.कमलेशचंद्र, डॉ अंशू मिश्रा, डॉ अशुतोष निरंजन सहित कर्मचारी उपस्थित रहे।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.महेशचंद्रा ने सीएचसी छानी का निरीक्षण कर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई। यहां सुबह से बड़ी संख्या में शून्य से पांच साल तक के बच्चे दवा पीने को मौजूद थे। डॉ.महेशचंद्रा ने बताया कि आज बूथों में दवा पिलाने के बाद कल से पांच दिनों तक घर-घर जाकर टीमें छूटे हुए बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाएंगी। उन्होंने बताया कि 1.43 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अनिल यादव, कोल्डचेन मैनेजर सुरजीत मिश्रा सहित सीएचसी छानी का समस्त स्टाफ मौजूद रहा।

घरों के साथ-साथ स्कूल भी जाएंगी टीमें
सीएमओ डॉ.एके रावत ने बताया कि सोमवार से प्राथमिक स्कूलों और घर-घर जाकर छूटे बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। इसके लिए 1005 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। यह सभी बूथ प्राथमिक स्कूलों पर बनाए गए हैं। 335 टीमें घर घर जाकर पोलियो कि खुराक पिलाने का कार्य करेंगी। रोडवेज बस स्टैंड, चौराहों के लिए 20 ट्रांजिट टीमें तैयार की गईं हैं। दूर-दराज के क्षेत्रों पर मोबाइल टीमें दवा पिलाने के लिए 11 टीमें बनाई गई हैं।