हमीरपुर:
डेंगू पर काबू पाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ऐसे गृहस्वामियों को महामारी एक्ट के तहत नोटिस थमा रहा है, जिनके घरों में लार्वा मिला है। ऐसे लोगों को नोटिस देकर चौबीस घंटे के अंदर जलजमाव को दूर करने की नसीहत दी जा रही है। उधर, सरीला तहसील के बिलगांव गांव में दो साल के मासूम की बुखार के बाद मौत के मामले को लेकर शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में कैंप लगाकर मरीजों की जांच एवं उपचार किया।

जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि शुक्रवार को कांशीराम कॉलोनी राठ के चार गृहस्वामियों मुहम्मद जमाल, बाबादीन अहिरवार, मुख्तार खां, मुहम्मद इस्लाम और राठ के फत्तूबाबा निवासी रामबाबू, सलमा, नूरजहां, मलीकुआं चौराहा के जलील अहमद के घरों में मच्छरों का लार्वा मिला है। इन सभी को नोटिस दिया जा चुका है। अब तक 18 लोगों को नोटिस दिया जा चुका है। पुन: इनके घरों में लार्वा मिलने पर इनके विरुद्ध महामारी एक्ट की धारा 188 आईपीसी के तहत जुर्माना की कार्यवाही की जाएगी। इस एक्ट में पांच सौ से लेकर 15 हजार रुपए तक जुर्माना वसूलने का प्रावधान है।

बिलगांव में कैंप लगाकर मरीजों का उपचार
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.रामअवतार ने बताया कि बिलगांव गांव के पतरिया डेरा में दो साल के बच्चे प्रिंस पुत्र राजेंद्र की बुखार और उल्टी-दस्त से मृत्यु की सूचना मिली थी। इसके बाद इस गांव में सरीला सीएचसी के डॉ.अरविंद सिंह की अगुवाई में एक टीम ने कैंप करके मरीजों का उपचार किया। कुल 15 मरीज बुखार से ग्रसित मिले, जिनके ब्लड सैंपल लेकर जांच को भेजे गए हैं। मृतक बालक प्रिंस को झांसी रेफर किया गया था। अंतिम जांच में इसकी प्लेटलेट्स 70 हजार थी। डेंगू की पुष्टि नहीं हुई थी।

कूलरों में जमा पानी फेंके, छिद्रयुक्त गमलों का करें प्रयोग
जिला मलेरिया अधिकारी ने जनमानस से अपील की कि वह अपने कूलरों में जमा पानी की साफ-सफाई कर उन्हें सुखा दें। घरों में गमले या फूलदान जो भी प्रयोग करते हैं वह छिद्रयुक्त होने चाहिए ताकि इनमें पानी का जमाव न हो सके। पानी की टंकियां ढककर रखें। खुली टंकियों का पानी अगर प्रयोग भी होता रहता है तो भी उसमें लार्वा बन सकता है।