टीम इंस्टेंटखबर
हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 फीसदी का जीएसटी लगता है. संसद में हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी रेट घटाने या उसे खत्म करने को लेकर सवाल पूछा गया. जिसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जीएसटी काउंसिल ने हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी घटाने की मांग को खारिज कर दिया है.

लोकसभा सांसद अदूर प्रकाश और बेनी बेहानन ने वित्त मंत्री से सवाल पूछा क्या सरकार कोविड -19 महामारी के दौरान लोगों हेल्थ इंश्योरेंस में बढ़े खर्च को देखते हुए क्या इसपर जीएसटी रेट घटाने या खत्म करने पर विचार कर रही है? वित्त मंत्री से मेडिकल इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी वसूलने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए पूछा कि लग्जरी आईटम्स के समान हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी वसूला जाता है जबकि मेडिकल, हॉस्पिटल और कंसलटेंसी सर्विसेज जीएसटी से मुक्त है?

इन सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी रेट्स और छूट या फिर हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी लगाना जीएसटी काउंसिल का निर्णय है जो कि संवैधानिक संस्था है जिसमें केंद्रीय वित्तीय मंत्री के अलावा राज्यों द्वारा नॉमिनेटेड उसके सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है. हालांकि आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम, जन आरोग्य बीमा पॉलिसीऔर निरामय हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम पूरी तरीके से जीएसटी मुक्त है. वित्त मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि जीएसटी लागू होने के पहले भी हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी लगता था.

वित्त मंत्री के मुताबिक 22 दिसंबर 2018 को जीएसटी काउंसिल की 31वीं बैठक में और 20 सितंबर 2019 को हुई 37वीं बैठक में हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी रेट घटाने की मांग को रखा गया प्रस्तावों को रखा गया हालांकि जीएसटी ने हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी घटाने को लेकर कोई सुझाव नहीं माना.