नेपोटिज्म के खिलाफ आवाज उठाने वालों में अब जानेमाने बॉलीवुड एक्टर गोविंदा (govina) का नाम भी शामिल हो गया है। एक इंटरव्यू में गोविंदा ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की है। गोविंदा ने कहा कि, ’21 साल की उम्र में मैंने अपने करियर की शुरुआत की थी। 33 साल बाद मैंने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया। इन 33 सालों में मैंने बहुत कुछ सीखा है। बहुत से प्रोड्यूसर्स मुझे नहीं जानते थे। मैं इन प्रोड्यूसर्स से एक मुलाकात करने के लिए घंटों तक इंतजार करता था। मुझे पता था कि किस वजह से बॉलीवुड के लोग मुझसे बात नहीं करते थे लेकिन मैंने इन सब चीजों को कभी अपने काम के बीच नहीं आने दिया।

आगे गोविंदा ने कहा कि, ‘मुझे सामने से रिजेक्ट किया गया लेकिन मैं जानता था कि राज कपूर, अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, राजेश खन्ना और जितेंद्र को भी ऐसे दिन देखने पड़े होंगे। बॉलीवुड में आने के बाद आपका मकसद पक्का होना जरुरी है क्योंकि लोग आपको बारे में तरह तरह की बातें करते हैं। अच्छा काम करने के बाद भी आपको मौके तलाशने पड़ते हैं।’

बॉलीवुड कैम्पिंग (bollywood camping) के बारे बात करते हुए गोविंदा ने कहा कि, ‘मुझमें टैलेंट था इसलिए मुझे काम मिला। एक समय ऐसा था जब मेरी हर फिल्म बॉक्स ऑफिस (box office) खूब चलती थी लेकिन आजकल ऐसा नहीं होता है। अब तो केवल 4 से 5 लोग पूरी इंडस्ट्री पर कब्जा कर चुके हैं जो इस बिजनेस में लगातार तरक्की कर रहे हैं। वो सिर्फ उन लोगों को मौका देते हैं जो कि उनके करीबी हैं। सब कुछ इन लोगों के हाथ में होता है। यही वजह है जो मेरी कुछ फिल्में ठीक से रिलीज भी नहीं हो पाईं।’