जस्टिस रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट संसद के पटल पर रखे सरकार
- रोजगार और सामाजिक अधिकार अभियान की घोषणा
- लखनऊ में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हुई बैठक
लखनऊ
अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण कोटे में से अति पिछड़े वर्ग का आरक्षण अलग करने के लिए गठित जस्टिस रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट को संसद के पटल पर सरकार रखे और उसे लागू किया जाए। यह मांग आज लखनऊ में हुई बैठक में मजबूती से उठी। अखिलेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा बुलाई गई बैठक में वर्तमान सांसद, पूर्व विधायक, गणमान्य नागरिक व राजनीतिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। बैठक में जारी रोजगार और सामाजिक अधिकार संवाद को अभियान के रूप में चलाने का निर्णय लिया गया। इस अभियान के कोऑर्डिनेशन के लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया। इसके संयोजन की जिम्मेदारी सीतापुर सांसद राकेश राठौर को दी गई।
बैठक में लिए प्रस्ताव में कहा गया है कि 31 जुलाई 2023 में ही जस्टिस रोहिणी कमीशन ने अन्य पिछड़ा वर्ग में वर्गीकरण करने के लिए अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति महोदया को सौंप दी। लेकिन आज तक केंद्र सरकार ने इसे संसद के पटल पर नहीं रखा। बैठक में सांसद राकेश राठौर ने कहा कि वह 21 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में संसद में इस सवाल को उठाएंगे। पूर्व एमएलसी अरविंद सिंह सपा मुखिया अखिलेश यादव से इस संबंध में वार्ता करेंगे।
इसके अलावा लिए गए प्रस्ताव में प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों को बंद किए जाने के निर्णय का विरोध करते हुए कहा गया कि हर हाल में शिक्षा अधिकार कानून 2009 का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी हो। आगे कहा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बैंकों में जमा पूंजी का 60 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश में निवेश की बात कही है। जबकि 2023 के उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के अनुसार औसतन 50 फ़ीसदी पूंजी प्रदेश से बाहर जा रही है। इस पूंजी के पलायन पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए और इसे रोजगार सृजन में खर्च किया जाना चाहिए। सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को तत्काल भरा जाना चाहिए।
प्रदेश में माइक्रोफाइनेंस कंपनियां और नॉन बैंकिंग कंपनी द्वारा जारी लूट पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने और इन्हें रेगुलेट करने व हर जिले में पंजीकरण अनिवार्य करने की बात बैठक में उठी। साथ ही उत्तर प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूह और नौजवानों को चार प्रतिशत ब्याज के दर से कर्ज मुहैया कराने, आईटीआई को अपग्रेड करने और कौशल विकास केंद्रों को पुनः जमीनी स्तर पर चालू करने की बात उठाई गई।
बैठक में सीतापुर से सांसद राकेश राठौर, पूर्व एमएलसी अरविंद सिंह, एआईपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी, राष्ट्रीय किसान मंच के अध्यक्ष शेखर दीक्षित, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विनोद पांडेय, एआईपीएफ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ बी. आर. गौतम, महासचिव डॉक्टर बृज बिहारी, रोजगार अधिकार अभियान के संयोजक राजेश सचान, आलोक, रामकुमार सिंह, राघवेंद्र, डाक्टर राम प्रकाश, दिनकर कपूर, राष्ट्रीय कुली मोर्चा के राम सुरेश यादव आदि ने बात रखी।










