नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच कृषि संबंधित विधेयक पास हो गए हैं। इससे पहले लोकसभा में भी इन बिलों को मंजूरी मिल चुकी है। राज्यसभा में विधेयकों के लिए ध्वनि मत से वोटिंग करायी गई। फिलहाल राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।

विपक्ष का हंगामा
इससे पहले राज्यसभा में भी विपक्ष ने चर्चा के बीच हंगामा किया और इसे किसान विरोधी और उद्योगपतियों का साथ देने वाला बिल करार दिया। संसद में एक मौका ऐसा भी आया, जब विपक्षी सांसद वेल तक पहुंच गए । इसी दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन हंगामा करते हुए उपसभापति की मेज पर पहुंच गए और सदन की रूलबुक दिखाने लगे।

सरकार ने बिल को बताया ऐतिहासिक
विपक्षी पार्टी के सांसदों की मांग थी कि आगे की चर्चा के लिए विधेयकों को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए. सरकार ने जोर दिया कि ये बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में बदलाव लाएंगे। कृषि क्षेत्र के विधेयकों को पिछले हफ्ते लोकसभा में पास करा लिया गया था।

कृषि मंत्री ने पेश किया बिल
केंद्रीय कृषि मंत्री एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल 2020 और मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता बिल, 2020 राज्यसभा में पेश किया था।

SAD ने सरकार को दी चेतावनी
किसान बिल के मुद्दे पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने सीधे-सीधे सरकार को चेतावनी दी। पार्टी सांसद नरेश गुजराल ने बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि बिल को पहले सेलेक्ट कमेटी में भेजा जाय, ताकि उसके हितधारकों का पक्ष जाना जा सके। गुजराल ने सरकार को चेतावनी दी कि किसानों को कमजोर समझने की भूल सरकार न करे।

संविधान के मंदिर में संविधान की उड़ी धज्जियाँ
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने आरोप लगाया कि विपक्ष की वोटिंग की मांग को नहीं माना गया और अब सरकार विपक्ष पर हंगामा करने का आरोप लगा रही है| डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सरकार को मालूम था कि इस मुद्दे पर सरकार के पास संख्या बिल नहीं है और इसीलिए उसने एक बार फिर संविधान के मंदिर में संविधान की धज्जियाँ उड़ाई|