लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि निराश्रितों का सहारा सरकार है। उन्होंने सभी जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में कोई भूखा न रहे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निराश्रितों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए 01 हजार रुपए, बीमार होने की दशा में उपचार के लिए 02 हजार रुपए तथा किसी निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर अन्तिम संस्कार के लिए उसके परिवार को 05 हजार रुपए देने की व्यवस्था की है।

मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि कन्टेनमेंट जोन में डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को सक्रिय रखा जाए। पुलिस द्वारा प्रभावी पेट्रोलिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भीड़ एकत्र न होने पाए। बाजारों में नियमित फुट पेट्रोलिंग की जाए। हाई-वे तथा एक्सप्रेस-वे पर पी0आर0वी0 112 के माध्यम से सघन पेट्रोलिंग की जाए। पेट्रोलिंग के दौरान पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को कोरोना से बचाव के सम्बन्ध में जागरूक भी किया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण पालन सुनिश्चित कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश वापस आने वाले कामगारों/श्रमिकों को क्वारंटीन सेन्टर में ले जाते हुए वहां उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग की जाए। स्क्रीनिंग में स्वस्थ पाए गए कामगारों/श्रमिकों को 15 दिन का राशन किट वितरित हुए होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। होम क्वारंटीन के दौरान इन्हें एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता अवश्य दिया जाए। नियमित रूप से खाद्यान्न की व्यवस्था के लिए इनके राशन कार्ड भी बनाए जाएं। उन्होंने क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन में साफ-सफाई तथा सुरक्षा के बेहतर इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि जिलाधिकारियों को सहयोग देने के लिए शासन द्वारा नामित विशेष सचिव स्तर के अधिकारी जनपदों में क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन व्यवस्था का नियमित निरीक्षण करें।

मुख्यमंत्री ने जनपदों में तैनात स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारियों को कोविड तथा नाॅन कोविड अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह अधिकारीगण इन अस्पतालों की समस्त व्यवस्थाओं की सीधी जानकारी प्राप्त करते हुए अपनी तथ्यपरक रिपोर्ट शासन को दें। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से अपर निदेशक तथा संयुक्त निदेशक स्तर के इन अधिकारियों से नियमित संवाद रखते हुए कार्यों की जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा की। मुख्य सचिव द्वारा मुख्यमंत्री जी को यह अवगत कराया गया कि चिकित्सा सहित विभिन्न व्यवस्थाओं के बेहतर प्रबन्धन के मद्देनजर जिलाधिकारियों तथा मण्डलायुक्तों से लगातार संवाद किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को निर्देशित किया कि वे जनपदों में कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारियों से नियमित फीडबैक प्राप्त करते हुए कार्यों की समीक्षा करे। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं को सुचारु रूप से संचालित किया जाए। पुलिस, पी0ए0सी0, फायर सर्विस तथा रेलवे पुलिस के कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय किए जाएं। चिकित्साकर्मियों को मेडिकल इंफेक्शन से बचाने के उद्देश्य से उनका प्रशिक्षण कार्य निरन्तर संचालित किया जाए।