नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा को लेकर सरकार का दखल जितना कम से कम हो, उतना अच्छा है। पीएम मोदी ने साथ ही कहा कि नई शिक्षा नीति में पढ़ने से ज्यादा सीखने पर महत्व दिया गया है।

सरकारी दखल कम करने की बात
उन्होंने कहा, ‘देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है। शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र , राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, सभी जुड़े होते हैं। लेकिन ये भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल, उसका प्रभाव, कम से कम होना चाहिए।’

2 लाख से अधिक
पीएम मोदी ने साथ ही कहा, ‘जितने अधिक शिक्षक और माता-पिता शिक्षा नीति से जुड़ेंगे, उतने ही स्टूडेंट भी जुड़ेंगे और इसकी अधिक प्रासंगिकता होगी।’ पीएम ने आगे कहा, ‘नई शिक्षा-नीति पर पिछले चार से पांच साल से कम चल रहा था। लाखों लोगों ने अपने-अपने सुझाव दिए थे। इसके ड्राफ्ट पर अलग-अलग पॉइंट पर 2 लाख से अधिक लोगों ने सुझाव दिए थे। गांव के शिक्षक से लेकर बड़े-बड़े शिक्षाविद को राष्ट्रीय शिक्षा नीति अपनी शिक्षा नीति लग रही है।