नई दिल्ली: एक बार फिर से सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई वार्ता बेनतीजा साबित हुई। अब अगले दौर की वार्ता 15 जनवरी को होगी । केंद्र सरकार के तीनो कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 43 दिन से जारी है और किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।

नहीं बन पाई सहमति
केंद्र सरकार कोशिश कर रही है कि कैसे किसानों की समस्याओं का समाधान कर इनके प्रदर्शनों को समाप्त कराया जाए। इसके लिए सरकार और 40 किसान संगठनों के बीच अबतक कई दौर की बातचीत हुई है लेकिन अभी तक किसान और सरकार के बीच सहमति नही बन पाई है ।

कृषि कानून वापसी की मांग ठुकराई
आज सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की यह बातचीत विज्ञान भवन में हुई। जहां पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। जानकारी मिली है कि वार्ता की शुरुआत के साथ ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों की वापसी की मांग की और सरकार ने इस मांग को ठुकरा दिया। लेकिन किसान अपने रुख पर अड़े रहे। बताया जा रहा है कि सरकार ने कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव भी किसानों के समक्ष रखा था। इसी बीच लंच ब्रेक हुआ और केंद्रीय मंत्री मीटिंग रूम से बाहर आ गए मगर किसानों ने लंच करने से इंकार कर दिया।

किसान अपनी मांग पर अड़े
सूत्रों ने जानकारी दी कि बैठक में सरकार की ओर से कहा गया कि कानूनों को वापस नहीं लिया जा सकता है क्योंकि काफी किसान कानून के पक्ष में हैं। वहीं दूसरी तरफ किसान संघ कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को दोहराते रहे।