नई दिल्ली: कृषि कानूनों को लेकर चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सोमवार को हुई 7वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. अब अगली बैठक 8 जनवरी को होगी. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर; रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री एवं पंजाब से सांसद सोम प्रकाश ने विज्ञान भवन में 40 किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की.

मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं किसान
बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि हमारी मांगों पर चर्चा हुई. इनमें तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी का मुद्दा शामिल रहा. दोनों मुद्दों पर 8 तारीख को फिर से बात होगी. हमने बता दिया है कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं. अखिल भारतीय किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी हनान मुल्लाह ने कहा कि सरकार भारी दबाव में है. हम सभी ने कहा है कि नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की हमारी मांग है. हम इसके अलावा किसी दूसरे मसले पर चर्चा नहीं करना चाहते. जब तक तीनों नए कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, आंदोलन नहीं रोका जाएगा.

क्लॉज के हिसाब से चर्चा चाहती है सरकार
बैठक खत्म होने के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि हम चाहते थे कि किसान संगठन तीनों कानूनों पर क्लॉज के हिसाब से चर्चा करें. किसान संगठन तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे, लिहाजा हम किसी समाधान पर नहीं पहुंच सके.

जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि
सूत्रों का कहना है कि मौजूदा प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के साथ इस बैठक की शुरुआत हुई. इससे पहले, सरकार और किसान संगठनों के बीच छठें दौर की वार्ता 30 दिसंबर को हुई थी. उस दौरान पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने और बिजली पर रियायत जारी रखने की दो मांगों पर सहमति बनी थी. हालांकि, तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और फसल की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था को लेकर कानूनी गारंटी पर अब तक कोई सहमति नहीं बन पायी है.