टीम इंस्टेंटखबर
ग्लासगो में होने वाले शिखर सम्मेलन में भाषण देते अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि मुझे माफी नहीं मांगना चाहिये किन्तु मैं माफी मांग रहा हूं इस वजह से कि अमेरिका की पहले वाली सरकार पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते से निकल गयी थी और उसने एक प्रकार से हमें पीछे कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे पहले वाली अमेरिकी सरकार ने पेरिस जलवायु समझौते में अपने वचनों पर अमल नहीं किया किन्तु हमारी सरकार इन वचनों पर अमल करने का पक्का इरादा रखती है और इस संबंध में पहले क़दम के रूप में अमेरिका पेरिस समझौते से जुड़ गया।

ज्ञात रहे कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्र डोनाल्ड ट्रंप चार साल पहले पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते से निकल गये थे जिसके बाद देश के भीतर और बाहर उनकी काफी आलोचना हुई थी। इसी प्रकार यह बात भी ध्यान योग्य है कि ज़मीन के गर्म होने में सबसे अधिक भूमिका अमेरिका की है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ग्लासगो में होने वाले शिखर सम्मेलन में भाषण देते हुए कहा कि अमेरिका अगले कुछ महीनों में विभिन्न क्षेत्रों में अधिक नई योजनाओं को पेश करेगा ताकि जंगलों को नष्ट होने से बचाने के संबंध में अपने वचनों को सिद्ध कर सके।

इसी प्रकार उन्होंने कहा कि अमेरिका ग्रीन हाउस गैसों के उत्पादन को शून्य तक पहुंचा देगा और इस संबंध में वह कदम उठाने वाला है। उन्होंने कहा कि अगर हम एकजुट हो जायें तो ज़मीन के तापमान को 1.5 सेंटीग्रेड तक सीमित कर सकते हैं और समस्त राष्ट्रों को चाहिये कि वे पूरी गंभीरता के साथ अपने दायित्वों व भूमिका का निर्वाह करें। इसी प्रकार अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि अकाल, तेज़ वर्षा, बड़े तूफान और खेतियों का नष्ट हो जाना सब जलवायु परिवर्तन के परिणाम हैं और अमेरिका ने इन समस्त बलाओं का अनुभव किया है।