टीम इंस्टेंटखबर
फेसबुक की आंतरिक कार्यप्रणाली से जुड़े दस्तावेजों ‘फेसबुक पेपर्स’ को लीक करने के बाद पहली बार सार्वजनिक आते हुए व्हिसिलब्लोअर फ्रा्ंसेस ह्यूगेन ने मार्क जुकरबर्ग से इस्तीफा देकर कंपनी में बदलाव लाने का अनुरोध किया है.

एक वेब सम्मेलन में बोलते हुए ह्यूगेन ने कहा कि अगर मार्क जुकरबर्ग सीईओ रहते हैं तो कंपनी में बदलाव होने की संभावना नहीं है.

फेसबुक की पूर्व प्रोडक्ट मैनेजन ह्यूगेन ने कहा कि हो सकता है कि यह किसी और के लिए बागडोर संभालने का मौका हो. फेसबुक किसी ऐसे व्यक्ति के साथ मजबूत होगा जो सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने को तैयार हो.

करीब तीन अरब यूजरों वाले फेसबुक ने पिछले सप्ताह ही अपने नाम बदलकर मेटा कर दिया है जो एक मेटावर्स तैयार करेगा. यह एक ऐसी आभासी दुनिया होगी जो मोबाइल भविष्य में मोबाइल इंटरनेट की जगह ले लेगी.

हालांकि, फेसबुक की इस रिब्रांडिंग को ह्यूगेन बिना मतलब बताती हैं और कहती हैं कि इससे उसकी समस्याएं दूर नहीं होंगी.

दरअसल, पिछले महीने ह्यूगेन ने ब्रिटिश और अमेरिकी सांसदों को बताया था कि फेसबुक भारत सहित दुनियाभर में भड़काऊ सामग्री, भ्रामक सूचनाओं और हेट स्पीच को बढ़ावा देने का काम कर रहा है और ऐसा उसके एल्गोरिदम और भाषा विशेषज्ञों की कमी के कारण हो रहा है.

फेसबुक की पूर्व डेटा वैज्ञानिक से व्हिसलब्लोअर बनीं फ्रांसेस ह्यूगेन ने पिछले दिनों कहा था कि ऑनलाइन नफरत तथा चरमपंथ को फेसबुक और अधिक गंभीर बना रहा है. उन्होंने अमेरिकी सीनेट की एक समिति के समक्ष यह भी कहा था कि फेसबुक बच्चों को नुकसान पहुंचा रहा है और ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रहा है.

उन्होंने ब्रिटिश और अमेरिकी सांसदों के सामने अपनी गवाही दी है और भारत में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मामलों की संसदीय समिति भी उन्हें बुलाने पर विचार कर रही है.