नई दिल्ली। भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गये विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल मैच में कीवी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 8 विकेट से जीत हासिल की और पहले टेस्ट चैम्पियन बने। भारतीय टीम ने इस मैच में खराब बल्लेबाजी की, खासतौर से दूसरी पारी में जहां पर मैच के छठे दिन कई बल्लेबाजों ने खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाने का काम किया। इस फेहरिस्त में भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत भी शामिल हैं जिन्होंने दूसरी पारी में सबसे ज्यादा 41 रन बनाने का काम किया, हालांकि लंच के बाद जब वो कंट्रोल में खेलते नजर आ रहे थे और टीम को उनसे अच्छी पारी की दरकार थी तभी उन्होंने ट्रेंट बोल्ट के खिलाफ खराब शॉट खेलकर अपना विकेट फेंकने का काम किया।

मौजूदा समय में ऋषभ पंत उस हथियार की तरह बन गये हैं जिससे आपकी खुद की जान जाने का खतरा बना रहता है। दुर्भाग्य से विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में भारत के लिये पंत की पारी कुछ ऐसी ही साबित हुई। पिछले 6 महीनों में पंत ने जबरदस्त प्रदर्शन कर टीम को कई मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकालने का काम किया और जब लगा कि उनके शॉट सेलेक्शन में सुधार हो गया है तो वहीं पर पंत ने इतने अहम मुकाबले में खराब शॉट खेलकर अपना विकेट फेंकने का काम किया।

पंत के इस शॉट ने न सिर्फ फैन्स को नाराज करने का काम किया बल्कि दिग्गज खिलाड़ियों ने भी उनके इस शॉट की आलोचना की है। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने उनके इस शॉट की आलोचना करते हुए कहा कि केयरफ्री और केयरलेस होने में बेहद महीन रेखा का अंतर होता है।

उन्होंने कहा,’जब आप मैदान पर खेल रहे होते हैं तो आपको केयरफ्री और केयरलेस के बीच महीन सी रेखा के अंतर को समझना होगा। उन्होंने पहले भी कई बार इस रेखा को पार करने का काम किया है। कई मौकों पर जब वो 90 के स्कोर पर रहे हैं या शतक के करीब होते हैं तो एक बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में विकेट गंवा देते हैं। पंत की बल्लेबाजी में उनका शॉट सेलेक्शन इकलौती कमी है इसके अलावा उनका डिफेंस, शॉट और तकनीक सभी शानदार हैं।’

सुनील गावस्कर ने आगे बात करते हुए कहा कि जब महेंद्र सिंंह धोनी ने करियर का आगाज किया था तो उन्होंने भी कई विस्फोटक पारियां खेली थी लेकिन उनका अंदाज केयरफ्री था, वो परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढालते थे, शॉट का चयन करते थे और टीम की जीत सुनिश्चित करते थे। पंत ने बल्लेबाजी में केयरलेसनेस दिखाई है।