नई दिल्‍ली :
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. गडकरी ने रविवार को अपनी ही सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि वह समय पर फैसले नहीं ले रही है और यह बहुत बड़ी समस्‍या है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, मेरा मानना है कि भारतीय बुनियादी संरचना का भविष्‍य उज्‍ज्‍वल है. हमें अच्छी तकनीक, अच्छे नवाचार, अच्छे शोध और सफल प्रथाओं को दुनिया और देश में स्वीकार करने की जरूरत है. हमारे पास वैकल्पिक मटेरियल होना चाहिए ताकि हम क्‍वालिटी से समझौता किए बिना लागत कम कर सकें. समय निर्माण में सबसे अहम चीज है. समय सबसे बड़ी पूंजी है. सबसे बड़ी समस्‍या यह है कि सरकार समय पर फैसले नहीं ले रही है.

NATCON 2022 को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तकनीकी या संसाधनों से अधिक महत्‍वपूर्ण समय है. गडकरी के इन शब्‍दों और पीएम नरेंद्र मोदी की कुछ दिनों पहले किए गए उस कमेंट में विभिन्‍नता देखने में आई है जिसमें पीएम ने “अमृत काल” या स्‍वर्ण युग के बड़े मील के पत्‍थरों को पार करने में सरकार की कामयाबी का जिक्र किया था. हालांकि बीजेपी के नेताओं का कहना है कि गडकरी के यह शब्‍द किसी सरकार विशेष के लिए नहीं बल्कि सामान्‍य तौर पर सरकारों के लिए कहे गए हैं.

गौरतलब है कि वर्ष 2024 के आम चुनाव सहित आने वाले चुनावों को ध्‍यान में रखते हुए पिछले सप्‍ताह बीजेपी संसदीय बोर्ड का नए सिरे से गठन किया गया है, इसमें गडकरी को स्‍थान नहीं दिया गया है.गडकरी का इस महत्‍वपूर्ण समिति से बाहर होना आश्‍चर्यजनक है. वे नरेंद्र मोदी कैबिनेट के वरिष्‍ठ मंत्री हैं, वे बीजेपी अध्‍यक्ष की जिम्‍मेदारी भी संभाल चुके हैं. आमतौर पर पार्टी, अपने पूर्व अध्‍यक्ष को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करती है. एक अन्‍य अहम बात यह है कि गडकरी, बीजेपी की वैचारिक संस्‍था राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के करीबी हैं.