देश में वाहनों की आवाजाही के लिए केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने 18 मार्च को संसद में कहा कि आने वाले 1 साल के अंदर भारत को टोल नाकाओं से मुक्त कर दिया जाएगा. यानी देश 1 साल में टोल फ्री बन जाएगा. उन्होंने कहा कि इस दौरान FASTag को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा. अब गाड़ियों में ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) सिस्टम लगाया जाएगा, जिसकी मदद से टोल शुल्क का भुगतान हो सकेगा. उन्होंने कहा कि आगे जो लोग गाड़ियों पर FASTag नहीं लगाएंगे, माना जाएगा कि वे टोल की चोरी कर रहे हैं. वहीं यह GST न देने का भी मामला माना जाएगा.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरूवार को कहा कि अभी देश में करीब 93 फीसदी गाड़ियां FASTag के जरिए टोल पेमेंट कर रही हैं. लेकिन 7 फीसदी में अभी यह लगाया जाना है. जबकि FASTag न होने पर टोल दोगुना कर दिया गया है. टोल बूथ हटाने का काम एक साल में पूरा कर लिया जाएगा. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने यह जानकारी दी है. गडकरी ने कहा टोल सिस्टम में खामियां हैं. अब गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा जिसकी मदद से टोल शुल्क का भुगतान हो सकेगा और इसके बाद इस तरह के टोल बूथ की जरूरत नहीं होगी.

केंद्र सरकार ने देश के सभी टोल प्लाजा पर FASTag अनिवार्य कर दिया है. FASTag का उपयोग पिछले कुछ महीनों के दौरान काफी तेजी के साथ बढ़ा है. FASTag की अनिवार्यता के बाद ईंधन की खपत में आई है. इससे प्रदूषण कंट्रोल करने में भी मदद मिलेगी. गडकरी का मानना है कि टोल कलेक्शन के लिए जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल करने से अगले 5 सालों में सरकार की टोल आय 1,34,000 करोड़ रुपए होगी.