नागपुर:
मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार के कद्दावर मंत्री नितिन गडकरी अक्सर अपने बयानों से सरकार को परेशानी में डालते रहे हैं, अभी उनके नए बयान से सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है, गडकरी का मानना है कि राजनीती अब सत्ता में रहने का माध्यम अधिक बन गयी है. कई बार उनका मन राजनीती को छोडने का करता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि राजनीती के अलावा भी जीवन में करने के लिए बहुत कुछ है.

शनिवार को अपने गृहनगर नागपुर में गडकरी ने समाजसेवी गिरीश गांधी को सम्‍मानित करने के लिए आयोजित समारोह में कहा कि उनका मानना है कि राजनीति, सामाजिक बदलाव के लिए है लेकिन अब यह सत्‍ता में बने रहने का जरिया अधिक बन गई है. गिरीश गांधी विधान परिषद के पूर्व सदस्‍य रहे हैं. उन्‍होंने वर्ष 2014 में शरद पवार की राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी.

गडकरी ने श्रोताओं को बताया कि उन्‍होंने हमेशा “गिरीश भाऊ” को सियासत से दूर रखने का प्रयास किया था. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आज हम जो राजनीति देख रहे हैं, वह 100 फीसदी सत्‍ता में आने पर केंद्रित है. राजनीति दरअसल सामाजिक बदलाव का जरिया है, इसलिए आज के राजनेताओं को समाज में शिक्षा-कला के विकास आदि पर काम करना चाहिए. ” उन्‍होंने कहा, “हमें समझना चाहिए कि राजनीति शब्‍द क्‍या है. क्‍या यह समाज और देश के कल्‍याण के लिए है या सरकार में बने रहने के बारे में. “