लखनऊ:
आज दोपहर 12 बजे उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (पंजी0) के प्रतिनिधि मण्डल ने कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ से मुलाकात की और 6 सूत्रीय माँगपत्र सौंपा। लगभग 1 घण्टे तक विभिन्न बिन्दुओं पर सकारात्मक बातचीत हुई। प्रतिनिधि मण्डल में महासंघ के अध्यक्ष डाॅ0 हरेन्द्र कुमार राय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डाॅ0 प्रदीप शर्मा, उपाध्यक्ष डाॅ0 एस.पी. शुक्ला, महासचिव डाॅ0 टी.एस. चैहान तथा कोषाध्यक्ष डाॅ0 अजय कुमार मिश्र शामिल थे।
इस सम्बंध में जानकारी देते हुए डाॅ0 प्रदीप शर्मा ने बताया कि फुपुक्टा के संज्ञान में शिक्षकों द्वारा यह लाया गया है कि उनकी कई गम्भीर समस्याएं विश्वविद्यालय स्तर पर लंबित रहती है जिसका समाधान समय से नहीं हो पाता। विगत दिनों लुआक्टा द्वारा विश्वविद्यालय परिसर पर दिया गया धरना और समाप्ति के परिदृश्य ने एक नये तरह का वातावरण पैदा कर दिया था, जिसको समाप्त करने के लिए महासंघ को हस्तक्षेप करना आवश्यक लगा और कुलपति महोदय से वार्ता का समय माँगा गया। कुलपति महोदय द्वारा आज दोपहर 12 बजे का समय दिया गया जिस पर प्रतिनिधि मण्डल ने कुलपति महोदय से मिलकर विस्तारपूर्वक विभिन्न मुद्दो पर चर्चा की।

परीक्षा में पेपर सेटिंग, मूल्यांकन, कक्ष निरीक्षक आदि के बाकी भुगतान एक सप्ताह में पूरे करने पर सहमति बनी। इसके साथ-साथ आगे से इस व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए कुलपति महोदय ने आश्वस्त किया और अवगत कराया कि पेमेंट के लिए बने पोर्टल को तकनीकी रूप से और बेहतर बनाया जा रहा है। इसी क्रम में यह भी सहमति हुई कि परीक्षा संचालन में परीक्षार्थियों की संख्या के सापेक्ष विश्वविद्यालय महाविद्यालयों को पैसा NEFT कर देगा।

महाविद्यालयों को उसका केवल उपभोग प्रमाण-पत्र देना होगा। इससे महाविद्यालयों को बड़ी राहत प्राप्त होगी।

वरिष्ठता सूची निर्धारण के सम्बन्ध में कुलपति महोदय द्वारा तत्काल प्रभाव से कुलसचिव महोदय को निर्देश दे दिया गया कि वरिष्ठता सूची महाविद्यालयों के आधार पर नही विभाग/विषय के आधार पर बनाई जाए और इस सम्बन्ध में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित हो।

उन्होनें आगे बताया कि शिक्षक कल्याण कोष के सम्बन्ध में वार्ता भी सकारात्मक रही और कुलपति महोदय ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय के स्तर पर अंशदान लम्बित है तो उसका भुगतान तत्काल कर दिया जाएगा। इसके लिए उन्होनें कहा कि शिक्षक कल्याण कोष के लिए बनी समिति हमारे समक्ष जो प्रस्ताव रखेगी उसको विश्वविद्यालय पूर्ण करा देगा। कस्टोडियन होने के नाते शिक्षक कल्याण कोष के विगत कई वर्षों के आय-व्यय का ब्योरा सार्वजनिक करने का भी निर्देश जारी किया जाएगा। शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं पर त्वरित समाधान के लिए एक समिति बनाने पर भी सहमति बनी जिसमें कुलपति महोदय अध्यक्ष होंगे। उनके साथ-साथ कुलसचिव, वित्त अधिकारी, डीन सीडीसी तथा तीन शिक्षक प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस आशय का पत्र विश्वविद्यालय से जारी होगा। इस समिति का कार्य शिक्षकों की व्यक्तिगत व सामूहिक समस्याओं को तत्काल हल कराना है।

वार्ता में यह भी तय हुआ कि एनईपी को लेकर एक विस्तृत कमेटी बनाये जाने की जरूरत है जिसमें सभी स्टेक होल्डर के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस कमेटी के सम्बन्ध में भी लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ द्वारा पत्र जारी किया जाएगा।

महासंघ के अध्यक्ष डाॅ0 हरेन्द्र कुमार राय ने बताया कि वार्ता बेहद सकारात्मक रही जिसमें कुलपति महोदय ने हमारे द्वारा रखी गयी सभी मांगों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की और बेहद सःह्रदयपूर्वक सकारात्मक निर्णय लिये और भविष्य में उठाये जाने वाले विभिन्न कदमों से भी अवगत कराया, लेकिन सत्र को नियमित करने के सवाल पर ग्रीष्मकालीन अवकाश पर उन्होनें अपना पक्ष रखा और जून माह में परीक्षाएं न कराये जाने पर उन्होनें बताया कि अभी छोटे-छोटे पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं संचालित की जाएगी जो केवल विश्वविद्यालय के स्तर पर हैं। महाविद्यालयों में परीक्षाओं के कार्यक्रम को फाइनल करते समय हमारी मांग को ध्यान में रखने का उन्होनें आश्वासन दिया। आज की वार्ता ने कई सकारात्मक बिन्दु दिये हैं जिसको अमल में लाकर शिक्षकों और कुलपति के बीच गतिरोध की स्थिति उत्पन्न न हो। शिक्षकों की मांगों को समय से हल करके ही कुलपति महोदय सौहार्दपूर्ण वातावरण निर्मित कर सकते हैं।