लखनऊ: आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के प्रमुख प्रवक्ता सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने बताया कि मोहम्मदी मिशन के तत्वाधान में आयोजित जश्ने ईद मिलादुन नबी के दसवें दिन मिशन के अध्यक्ष हज़रत सैयद अयूब अशरफ किछौछवी ने कहा कि इस माहें रबीअव्वल में पूरी दुनिया रहमतुल्लि आलमीन का जश्न मना रही है लेकिन इस जश्न के मौके पर फ्रांस के एक जाहिल शिक्षक ने एक तस्वीर के ज़रिए हमारे नबी की शान में गुस्ताखी की। लेकिन यह बात थमी नहीं थी कि फ्रांस के राष्ट्रपति जो दिखने में इंसान लगते हैं मगर हरकत शैतानों वाली की, मेरी समझ से वह एक ज़हनी माज़ूर हैं उन्होंने भी हमारे नबी की शान में गुस्ताखी की। 6 करोड़ का मुल्क फ्रांस जिसमें से 2 करोड़ लोगों के वोट के ज़रिए बना राष्ट्रपति चुना हुआ अहमक व्यक्ति ने दुनिया भर के लगभग 2 अरब मुसलमानों दिल को ठेस पहुँचायी। इस नापाक हरकत से भारत के 20 करोड़ से ज़्यादा मुसलमानों झकझोर दिया। फ्रीडम आफ स्पीच के नाम पर दिया गया यह ब्यान किसी भी सूरत में माफी लायक नहीं है। पूरी इस्लामिक दुनिया को चाहिए कि फ्रांस का ज़बरदस्त तरीके से बायकाट करें और मैं प्रधानमंत्री से यह मांग करता हूं कि वह हिन्दुस्तान के मुसलमानों के जज़्बात का ख्याल रखते हुए अपने राजदूत को फौरन वापस बुलायें साथ ही भारत में फ्रांस के राजदूत को बुलाकर इस अहमाकाना हरकत की मज़म्मत दर्ज कराएं। सैयद अयूब अशरफ किछौछवी ने लोगों से अपील की कि आप लोग यूरोप मुल्कों की हर चीज़ का बायकाट करें। मीटिंग में यह तय पाया गया इस साल जुलूस मोहम्मदी नहीं निकाला जायेंगा लेकिन सभी आशिकें रसूल अपने घरों में या मस्जिदों में ईदे मिलाद की महफिल करें। इस मौके पर ‘‘खतीबे हिन्दुस्तान’’ मौलाना सैयद सलमान अशरफ जायसी ने कहा अल्लाह ने चार आसमानी किताबें और न जाने कितने सहीफे अपने रसूलो व नबीयों पर उतारों। लेकिन कुरआन मजीद वाहिद किताब है जिसको छोड़कर सभी आसमानी किताबों में तहरीफ हो चुकी है। कुरआन में बदलाव न होने की वजह, इसकी हिफाज़त का ज़िम्मा खुद अल्लाह ने लिया है। उन्होंने ने कहा कि मोहम्मदे अरबी के सदके में ही अल्लाह ने इस कायनात की तख्लीक की। प्रोग्राम का आगाज़ मौलाना सैयद हुसैन अशरफ ने तिलावते कुरआन पाक से हुआ, नात ख्वाओ ने नात व मनकबत के शेर पढ़े। इस मौके पर मिशन के उपाध्यक्ष डाॅ. एहसानउल्लाह, मिशन यूथ के सदर सैयद अहमद मियाॅ, मोहम्मद फरीद, ज़मीर हसन, मोहम्मद नौशाद, लिमरा एजेंसी के प्रमुख मोहम्मद नौशाद बेलग्रामी और उनकी पूरी टीम, रियाज़ अली, मोहम्मद सलाम वगैरह मौजूद थे। प्रोग्राम मंे कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन किया गया।