नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन उम्मीद जताई कि लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए सभी सदस्य चर्चा के माध्यम से जनआकांक्षाओं की पूर्ति में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि देश को अपेक्षा है कि इस सत्र में सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत निकले।

दशक का पहला सत्र बहुत महत्वपूर्ण
बजट सत्र के पहले दिन संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह इस दशक का पहला सत्र है और यह दशक भारत के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों को तेज गति से सिद्ध करने का यह स्वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है। इस दशक का भरपूर उपयोग हो इसलिए इस सत्र में पूरे दशक को ध्यान में रखते हुए चर्चाएं हों।” प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस दौरान सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत प्राप्त हो, यह देश की अपेक्षाएं हैं।” उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस आशा और अपेक्षा के साथ देश की जनता ने अपने प्रतिनिधियों को चुनकर संसद में भेजा है, वे इस पवित्र स्थान का भरपूर उपयोग करते रहेंगे।

सदस्यों से योगदान की आशा
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए संसद सदस्य अपने योगदान में पीछे नहीं रहेंगे।” प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि सभी सदस्य मिलकर इस सत्र को ‘‘और अधिक उत्तम” बनाएंगे। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि 2020 में वित्त मंत्री को अलग-अलग पैकेज के रूप में एक प्रकार से 4-5 मिनी बजट देने पड़े। उन्होंने कहा, ‘‘यानी 2020 में एक प्रकार से मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा। इसलिए यह बजट भी 4-5 मिनी बजट की श्रृंखला में ही देखा जाएगा, यह मुझे पूरा विश्वास है।” ज्ञात हो कि संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। यह सत्र राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुरू होगा। बजट सत्र के पहले दिन आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा।