कोलकाता: कोरोना संक्रमण के इलाज और वैक्सीन पर खींचतान के बीच देश के चिकित्सा जगत में सबसे बड़ा विवाद योगगुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) बीच छिड़ा हुआ है. अब आईएमए की बंगाल टीम ने योगगुरु बाबा रामदेव के खिलाफ सिंथी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. बाबा रामदेव के उस बयान को लेकर एफआईआर हुई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मार्डन मेडिसिन और एलोपैथी कोरोना का इलाज नहीं कर सकते. डॉ शांतनु सेन ने यह मामला दायर किया है.

बता दें कि IMA ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग और मानहानि का दावा दायर किया है. बाबा ने दावा किया कि एलोपैथी ने सिर्फ 10% गंभीर मरीजों का इलाज किया. बाकी 90% योग-आयुर्वेद से ठीक हुए. कोरोना की तैयारियों से लेकर कुंभ समेत कई विषयों पर उन्होंने बेबाक जवाब दिए.

आईएमए के बंगाल ईकाई के पूर्व अध्यक्ष और टीएमसी के राज्यसभा के एमपी डॉ शांतनु सेन और राज्य अध्यक्ष संतोष मंडल द्वारा दायर एफआईआर में कहा गया है कि हाल में बाबा रामदेव के बयान से विवाद पैदा हुआ है. उन्होंने कहा है कि मार्डन मेडिसन की वजह से कोरोना पीड़ित मरीजों की ज्यादा मौतें हुई हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज के बावजूद लगभग 10 हजार डॉक्टरों की मौत हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस महामारी के बीच वह समाज में असमंजस पैदा कर रहे हैं. यह गंभीर अपराध है. उन्होंने कहा कि वह न केवल मार्डन मेडिसीन का नाम खराब कर रहे हैं, वरन जान की बाजी लगाकर देश की सेवा कर रहे डॉक्टरों का भी असम्मान किया है. इस कारण उनके खिलाफ एफआईआर दायर किया और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.