लखनऊ:
नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के चुनावों में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता विरोधी दल श्री अखिलेश यादव की नीतियों से प्रभावित होकर प्रदेश के मतदाताओं ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को भारी मतदान किया। अपनी करारी हार से बौखलाई भाजपा अब सत्ता बल से चुनाव परिणामों को प्रभावित कर जनादेश को बदलने की कुत्सित साजिश कर रही है।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल ने आज समाजवादी विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ0 मनोज पाण्डेय के साथ पत्रकार वार्ता में उक्त आरोप लगाया।नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि प्रदेश में हुए नगर निकाय के चुनाव देश का सबसे बड़ा निकाय चुनाव है। इन चुनावों में भाजपा सरकार के खिलाफ व्यापक माहौल रहा। भाजपा के तमाम मंत्री, नेताओं ने भ्रामक प्रचार किया। मतगणना में भारतीय जनता पार्टी ने सेटिंग करके यह दिखाने की कोशिश की है कि ऐसा लगे कि शहरी निकायों में लोग समाजवादी पार्टी को पसंद नहीं कर रहे हैं। भाजपा ने जनता से छल किया। पहले चरण में भाजपा के पिछड़ने के बाद दूसरे चरण में मुख्यमंत्री द्वारा मतदान प्रभावित करने के लिए ही मतदान प्रतिशत कम कराने की रणनीति पर काम किया गया।

मनोज पाण्डेय ने कहा कि निकाय चुनाव नियमावली में चक्रवार गणना में हर राउण्ड में प्रत्याशियों को मिले वैध, अवैध तथा कुल मतों का ब्यौरा ब्लैक बोर्ड में लिखने के साथ तत्काल घोषित करने और ऑनलाइन फीडिंग के साथ ध्वनि विस्तारक से 2-2 घंटे के अंतराल पर गणना का परिणाम बताने का भी प्रावधान है। लेकिन 15 अप्रैल 2023 को नया संशोधन जारी कर कहा गया है कि अब प्रत्याशियों को मिले मतों की टेबलिंग करके परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। इसी तरह पार्षद, सदस्य और चेयरपर्सन की गिनती जो अलग-अलग होती थी अब संशोधित नियम से एक साथ होगी।

मनोज पाण्डेय ने कहा कि निकाय चुनावों की नियमावली के ऊपर संशोधित नियम नहीं हो सकते हैं। नए नियमों से आशंका होती है कि भाजपा सरकार जनादेश से खिलवाड़ करना चाहती है। नए संशोधित नियम अव्यवहारिक भी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने निकाय चुनावों में मतदान धीमा कराने, मतदाताओं को डराने-धमकाने तथा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से अभद्र व्यवहार के साथ उन्हें वोट डालने के लिए घर से नहीं निकलने दिया। मतदाताओं पर लाठियां बरसाई गई एक महिला प्रत्याशी को इतना परेशान किया गया कि वह फफक कर रो पड़ी। भाजपा द्वारा प्रशासन का दुरूपयोग करके लोकतांत्रिक व्यवस्था को बर्बाद करने की साजिश की है।