टीम इंस्टेंटखबर
संसद में आज बिना चर्चा कृषि बिल रद्द किए जाने वाला बिल पास हो गया, अब इसपर प्रतिक्रिया देते हुए सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. राजभर ने कहा कि यदि सरकार किसानों के हित में बिल को लाती तो उन्हें इस कानून को संसद में वापिस नहीं करना पड़ता।

सुहेलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर वाल्मीकि समाज के एक कार्यक्रम में आज उरई के इंद्रा पैलेस पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिल को संसद में रद्द किए जाने से किसान आंदोलन में शहीद हुए किसान वापस नहीं आ जाएंगे।

सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार की करनी और कथनी में अंतर है। सरकार कहती कुछ और है और करती कुछ और है। उन्होंने लखीमपुर की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि लखीमपुर घटना के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज है साथ ही 120 बी के मुलजिम बनाए गए हैं। लेकिन अभी तक केंद्र सरकार द्वारा उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं किया गया है न ही उनकी गिरफ्तारी की गई। जबकि अजय मिश्रा खुले मंच पर मोदी, योगी और अमित शाह के साथ घूमते दिखाई दे रहे हैं।

ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 2017 से अब तक 13 परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं लेकिन सरकार उन जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। केवल भाषणों में बुलडोजर चलाए जाने की बात की जाती है उन अधिकारी और कर्मचारियों के ऊपर अभी तक कोई भी बुलडोजर नहीं चलाया गया है जिन्होंने 13-13 पेपर लीक कराये हैं।

सपा से हुए गठबंधन पर बोलते हुए ओपी राजभर ने कहा कि हमारा गठबंधन सीटों पर नहीं बल्कि जातिगत जनगणना को लेकर हुआ है। उन्होंने कहा कि जब सरकार बनती है तो इसकी जातिगत जनगणना की जाएगी साथ ही महंगाई भ्रष्टाचार और रोजगार के मुद्दों पर सपा से गठबंधन हुआ है और वह किसी पद की लालसा में नहीं है। यदि उन्हें पद की लालसा होती तो वह मंत्री होते हुए भी भाजपा सरकार से अपना गठबंधन नहीं तोड़ते और ना ही मंत्रिमंडल से इस्तीफा देते।