नई दिल्ली: किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को फिर से ख़ारिज कर दिया है।इसी के साथ सरकार को आग से ना खेलने की चेतावनी भी दी है। बुधवार को सिंघु बार्डर पर आयोजित प्रेस वार्ता में भारतीय किसान यूनियन के युधवीर सिंह ने कहा, “जिस तरह से केंद्र इस वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है, यह स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे पर देरी करना चाहती है और किसानों के विरोध का मनोबल तोड़ना चाहती है। सरकार हमारे मुद्दों को हल्के में ले रही है, मैं उन्हें चेतावनी दे रहा हूँ वह इस मामले को संज्ञान में ले और जल्द ही इसका हल निकाले।”

किसान संघ को बदनाम करने की कोशिश
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा केंद्र सरकार को लिखे को पढ़ते हुए पूर्व आप नेता और स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा,”यूनाइटेड फार्मर्स फ्रंट ने आज सरकार को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि सरकार को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा पहले लिखे गए पत्र पर सवाल नहीं उठाना चाहिए क्योंकि यह सर्वसम्मत निर्णय था। सरकार का नया पत्र किसान संघ को बदनाम करने की एक नई कोशिश है।”

सरकार के साथ चर्चा के लिए तैयार
यादव ने कहा, “सरकार लगातार तथाकथित किसान नेताओं और संगठनों के साथ बातचीत कर रही है, जो हमारे आंदोलन से बिल्कुल भी जुड़े नहीं हैं। यह हमारे आंदोलन को तोड़ने का एक प्रयास है। प्रदर्शनकारी किसानों के साथ सरकार जिस तरह से अपने विपक्ष के साथ व्यवहार करती है।” उन्होंने आगे कहा, “हम केंद्र को आश्वस्त करना चाहते हैं कि किसान यूनियन सरकार के साथ चर्चा के लिए तैयार है। हम खुले दिमाग और साफ इरादे के साथ चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार का इंतजार कर रहे हैं।”