नई दिल्ली: एक पखवाड़े से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन का असर धीरे धीरे कारोबार पर दिखना शुरू हो गया है। खेती-बाड़ी में उपयोग होने वाली मशीनों तथा ट्रैक्टरों के स्पेयर पार्ट्स का देश का सबसे बड़ा बाजार मोरी गेट का कारोबार मंदा होना शुरू हो गया है। घटते कारोबार को देखकर वहां के दुकानदार किसान आंदोलन (Farmers Agitation) के खत्म होने की बाट जोहने लगे हैं। उनका कहना है कि जब किसान ही खेत में नहीं है तो मशीनों और ट्रैक्टरों की सुध कौन लेगा। जब इनका मेंटनेंस नहीं होगा तो स्पेयर पार्ट की बिक्री तो थमेगी ही।
ऑटोमेटिव एंड जनरल ट्रेडर्स वेलफेयर असोसिएशन के प्रेसिडेंट निरंजन पोद्दार ने बताया कि किसान आंदोलन की वजह से 30 फीसदी कारोबार कम हो गया है। उत्तर भारत के हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में इन चीजों का ट्रेड अभी पूरी तरह से ठप है। इन राज्यों के अलावा बिहार, बंगाल, ओडिशा, असम, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र जैसे राज्यों के किसान भी मीडिया में किसान आंदोलन की खबर देखकर ही ऑर्डर नहीं दे रहे हैं। सीमा पर आवाजाही ठप होने से वैसे ही ट्रांसपोर्टर्स ने भी रेट बढ़ा दिए हैं। इस वजह से ट्रेडर्स के खर्चे बढ़ रहे हैं जबकि मार्जिन घट रहा है।
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