लखनऊ:
इरम एजुकेशनल सोसाइटी, लखनऊ के तत्वाधान में संचालित चिकित्सा संस्थान इरम यूनानी मेडिकल कॉलेज ने गुरुवार, 14 सितंबर को अपने स्थापना दिवस के अवसर पर पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी “कॉलेज दिवस” ​​​​बड़े उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर सोसाइटी के प्रबंधक डॉक्टर सैयद बज़्मी यूनुस की अध्यक्षता में एक अद्भुत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, विशिष्ट अतिथि के रूप में कॉलेज की प्रबंध निदेशक डॉo शाज़िया बेगम के अतिरिक्त सोसायटी के निदेशक इंजीनियर ख़्वाजा सैयद मोहम्मद फ़ैज़ी यूनुस, सचिव इंजीनियर ख़्वाजा सैयद मुहम्मद सैफ़ी यूनुस, निदेशक यूनानी सेवाएं, उत्तर प्रदेश, सी.आर.आई.यू.एम. लखनऊ के उपनिदेशक डॉo मुहम्मद नफ़ीस ख़ान ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गौरवान्वित किया, इसके अलावा लखनऊ के अन्य यूनानी मेडिकल कॉलेज के शिक्षक गण एवं जानी-मानी हस्तियां भी उक्त कार्यक्रम में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न विधाओं के बेहद रंगारंग एवं मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें मनोरंजन, हास्य एवं उपदेशात्मक संदेश सभी कुछ थे, इन प्रस्तुतियों को डॉo ज़ुबैर अहमद ख़ान (इल्मुल-जराहत) के मार्गदर्शन में सावधानीपूर्वक तैयार किया गया था, उक्त अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य प्रोo अब्दुल हलीम क़ासमी ने “कॉलेज दिवस” के ऐतिहासिक पहलू पर प्रकाश डाला, उन्हों ने “कॉलेज दिवस” तथा उसके महत्व के संदर्भ में कहा कि किसी भी कॉलेज या संस्थान में इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करना बहुत महत्वपूर्ण है जो छात्रों को शैक्षणिक गतिविधियों के इतर अन्य प्रतिभाओं को विकसित करने एवं उन्हें निखारने का अवसर मिलता है, बहुत सारी सांस्कृतिक परंपराओं को सीखने और समझने में मदद मिलती है जो समाज के ताने-बाने का निर्माण करती हैं।

सोसाइटी के अध्यक्ष डॉo सैयद बज़्मी यूनुस, विशिष्ट अतिथि इंजीनियर ख़्वाजा सैयद मुहम्मद फ़ैजी यूनुस, इंजीनियर ख़्वाजा सैयद मुहम्मद सैफ़ी यूनुस और डॉ. मुहम्मद नफ़ीस ख़ान (उपनिदेशक सी.आर.आई.यू.एम. लखनऊ) ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की सराहना एवं छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की, डॉo मुहम्मद नफ़ीस ख़ान ने कॉलेज के छात्रों को सी.आर.आई.यू.एम. लखनऊ से इंटर्नशिप करने का प्रस्ताव भी दिया जहां छात्र/छात्राएं यूनानी चिकित्सा पद्धति में नवीनतम शोध से अवगत होंगे।

कार्यक्रम का समापन विभाग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर मुहम्मद आरिफ़ इस्लाही के धन्यवाद शब्दों के साथ हुआ।