लखनऊ
यूपी की भाजपा सरकार व विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति हड़ताल को लेकर आमने सामने आ गए हैं. एक तरफ योगी सरकार जहाँ हड़ताली बिजली कर्मियों की धड़ाधड़ बर्खास्तगी कर रहे है वहीँ कर्मचारी संगठन ने कहा कि सरकार का दमन जारी रहा तो हड़ताल अनिश्चितकालीन रूप ले लेगी. संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमने ऊर्जा मंत्रीजी से कहा था कि हड़ताल हमारा लक्ष्य नहीं है. उन्होंने कहा है कि वार्ता के लिए दरवाजे खुले हैं जबकि हमें वार्ता के लिए ना तो कल बुलाया गया और न ही आज. शैलेंद्र दुबे ने बताया 1332 आउटसोर्सिंग कर्मियों को निकाला गया है. यह संविदा कर्मियों के साथ क्रूरता है.

शैलेंद्र दुबे ने कहा कि हमसे कोई वार्ता नहीं की जा रही है. हम पर तोड़फोड़ के आरोप लगाए जा रहे हैं. जबकि हम अहिंसा वाले हैं, शांतिपूर्ण ढंग से काम छोड़ा है. उन्होंने कहा कि कई बिजली इकाइयां बंद होने की कगार पर हैं. दुबे ने कहा कि हम इसके जिम्मेदार नहीं हैं, आपने वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की. ऊर्जा संपति हमारी मां है हम पूजा करते हैं. इसके साथ हम छेड़खानी नहीं करेंगे.

शैलेंद्र दुबे ने कहा कि संविदा कर्मियों को 8 हजार रुपये मिलते हैं. 8 हजार रुपये में कैसे कोई जी सकता है. हमारे बिजली कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर सेवा समाप्त की गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. शैलेंद्र दुबे ने कहा जब तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा हम यहीं बैठेंगे. कोर्ट में हमारे वकील केस देख रहे हैं.

हड़ताली बिजली कर्मियों को ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने हड़ताल समाप्त करने के लिए 4 घंटे का समय दिया है. मंत्री एके शर्मा ने कहा कि 4 घंटे में काम पर वापस नहीं लौटने वाले संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी. ऊर्जा मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 24 घंटों में 1332 संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया गया है, और 22 कर्मियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई हुई है.