दिल्ली:
चुनाव आयोग ने गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने के मामले में उन्हें ये नोटिस जारी किया गया। चुनाव आयोग ने अपने कारण बताओ नोटिस में कहा है कि 18 अक्टूबर को दिए गए भाषण के कुछ हिस्सों को आदर्श आचार संहिता और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाया गया है।

आयोग ने सरमा को 30 अक्टूबर शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने को कहा है। दरअसल, कांग्रेस ने चुनाव आयोग को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि सरमा ने कवर्धा से उम्मीदवार मोहम्मद अकबर के खिलाफ सांप्रदायिक बयान दिए। जबकि तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया।

सीएम ने कहा था- ”अगर एक अकबर एक जगह आता है, तो वे सौ अकबर बुलाकर लाते हैं। इसलिए जितनी जल्दी हो सके उस अकबर को अलविदा कहें, अन्यथा माता कौशल्या की यह भूमि अपवित्र हो जाएगी।” माना जाता है कि भगवान राम की माता कौशल्या आधुनिक छत्तीसगढ़ की रहने वाली थीं। सरमा ने कवर्धा से भाजपा उम्मीदवार का जिक्र करते हुए कहा- भाइयों-बहनों, आप लोगों को छत्तीसगढ़ को बचाना है। मां कौशल्या की इस पवित्र भूमि को बचाना है।

सरमा ने कहा था- ”हमारे देश में कांग्रेस शासन के दौरान ‘लव जिहाद’ शुरू हुआ। छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और हमारे असम जैसे आदिवासियों को आए दिन इस्लाम अपनाने के लिए उकसाया जाता है, फिर जब उनके खिलाफ आवाज उठती है तो मुकेश बघेल जी कहते हैं कि हम धर्मनिरपेक्ष हैं। क्या यह हिंदुओं को पीटना आपकी धर्मनिरपेक्षता का रूप है? यह हिंदुओं का देश है और हिंदुओं का ही रहेगा। हमें धर्मनिरपेक्षता की यह भाषा मत सिखाएं।” बता दें कि 90 सदस्य वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए चुनाव दो चरणों में चुनाव होंगे। मतदान 7 और 17 नवंबर को किया जाएगा।