तौक़ीर सिद्दीकी
जिस घडी का इंतज़ार था वो घडी आ चुकी है. चुनाव आयोग ने आज पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का चुनावी कार्यक्रम घोषित कर दिया है, इसमें हमारा यूपी भी है जहाँ सात चरणों में चुनाव होने हैं, मणिपुर में दो और बाकी तीन राज्यों पंजाब, गोवा और उत्तराखंड के चुनाव एक ही चरण में निपटा दिए जायेंगे.

14 जनवरी से शुरू होने वाली यह चुनावी प्रक्रिया 10 मार्च को मत गणना के बाद ख़त्म होगी। चुनाव आयोग के मुताबिक 14 जून को पहले चरण की अधिसूचना जारी होगी और इस चरण के लिए मतदान सिर्फ यूपी की 58 सीटों के लिए होगा जो पश्चिमी क्षेत्र की होंगी। यहाँ मतदान 10 फरवरी को होगा।

दुसरे चरण की अधिसूचना 22 जनवरी को जारी होगी जबकि वोटिंग 14 फरवरी को होगी। इस चरण में यूपी की 55, पंजाब की 117, उत्तराखंड की 70 और गोवा की 40 सीटों के लिए मतदान होगा।

तीसरे चरण की शुरुआत 25 जनवरी से होगी और 20 फरवरी को वोट डाले जायेंगे। इस चरण में यूपी की 60 सीटों के लिए मतदान होगा।

चौथे चरण में भी सिर्फ उत्तर प्रदेश में मतदान होगा, इस चरण में 60 सीटों पर वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 27 जनवरी को आचार संहिता लगेगी और मतदान 23 फरवरी को होगा.

पांचवे चरण में यूपी की 60 सीटों के अलावा मणिपुर की 38 सीटों के लिए वोट डाले जायेंगे, इस दौर की चुनावी प्रक्रिया पहली फरवरी से शुरू होगी और मतदान 27 फरवरी को होगा जबकि छठे दौर में उत्तर प्रदेश की 57 और मणिपुर की शेष 22 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान की प्रक्रिया होगी। इस दौर की पोलिंग 3 मार्च को होगी और नोटिफिकेशन 4 फरवरी को जारी होगा।

सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को होगा जिसमें यूपी की शेष 54 सीटों पर वोट पड़ेंगे। वोटों की गिनती 10 मार्च को की जायेगी।

चुनाव आयोग के मुताबिक पिछले चुनाव की तुलना में इसबार 16 फीसदी बूथ बढ़ाये गए हैं. चुनाव आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों, दिव्यांगों और कोविड प्रभावित लोगों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की है.

सभी बूथ पर पुरुष और महिला सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे. दिव्यांगों के लिए हर बूथ पर विशेष इंतजाम होंगे. वॉलेंटियर भी मदद करेंगे. व्हील चेयर भी हर बूथ पर होगी. कोविड प्रभावित या कोविड संदिग्ध के घर वीडियो टीम के साथ आयोग की टीम विशेष वैन से जाएगी और वोट डलवा कर वापस आएगी. इन्हें बैलेट पेपर से वोट डालने का अधिकार मिलेगा.

इसके अलावा राजनीतिक दलों को अपराधिक पृष्ठ भूमि के उम्मीदवारों के लिए अखबार टीवी और मीडिया और वेबसाइट के होम पेज पर तीन बार अलग अलग चरणों पर जानकारी सार्वजनिक करनी होगी, ताकि जनता को पता चले कि उनके उम्मीदवार कैसे हैं?

मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक पहली बार वोटर को चुनाव नियमों की पर्ची दी जाएगी. उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन का विकल्प भी मिलेगा . चुनाव के दौरान किसी भी गलत गतिविधि के लिए Cvigil ऐप पर शिकायत दर्ज की जा सकती है .

तो जनाब बिगुल बज चूका है मगर कोरोना ने राजनीतिक पार्टियों के पैरों में बेड़ियाँ भी डाल दी हैं. देखना होगा कि इन पाबंदियों के बीच कौन सी पार्टी मतदाताओं तक अपनी पहुँच बना सकती है. क्योंकि हाथ मिलाने में जो बात है वह हाई कहने में नहीं क्योंकि वास्तविक और आभासी दुनिया में बड़ा फ़र्क़ होता है. जब एक नेता किसी वोटर के पैर छूता है तो उसे भी अपने वजूद का एहसास होता है भले ही कुछ समय के लिए हो। कोरोना और चुनाव आयोग ने गरीब वोटर से वो एहसास भी छीन लिया।