लखनऊः किसानों को उन्नत कृषि तकनीकी की जानकारी एवं विपणन की उचित व्यवस्था सुलभ कराकर उनकी आय में वृद्धि की जा सकती है। यद्यपि चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर का इतिहास 143 वर्ष पुराना है। इस दौरान अनेक वैज्ञानिक प्रोफेसर्स, छात्र-छात्राएं आये विभिन्न शोध कार्य किये गये होंगे फिर भी 43वीं रैंक विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त किया जाना संतोष का विषय नहीं कहा जा सकता। आप सभी को अपनी कार्यप्रणाली के बारे में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ये विचार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने अपने उद्बोधन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि आप सब मिलकर ये तय करें कि विश्वविद्यालय को आगे ले जाने के लिये क्या करना है। उन्होंने सुझाव दिया कि एक से दस तक रैंक प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालय की कार्य गतिविधियों का गहनता से अध्ययन करते हुये स्व मूल्यांकन करें तथा कार्य करने हेतु अपने लक्ष्य को निर्धारित करें।

राज्यपाल ने कहा कि किसान उत्पादक संगठन कृषि कार्य के सभी क्षेत्रों में गठित किये जाने चाहिये। इसके लिये हमें तय करना होगा कि एक साल में कितने संगठन बनाने हैं। संगठन में तकनीकी विशेषज्ञ, कृषक विपणन एजेंसियां, युवा तथा कृषक महिलायें सभी वर्गों को शामिल किया जाना चाहिये। उन्होंने बताया कि शहद, दुग्ध, मत्स्य, अन्न उत्पादन, तिलहन, दलहन उत्पादक कृषक आदि विभिन्न प्रकार के संगठन बनाये जा सकते हैं। महिला सशक्तीकरण के लिये महिला किसानों के ग्रुप भी अलग से बनाएं। ऐसा करने से महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलायें कार्य कर रही हैं और बैंको के सहयोग से उन्होंने अपने उद्यम भी स्थापित किये हैं। ऐसी सफल महिलाओं को चिन्हित करें और उनके अनुभव को गठित समूहों में बांटें। कुलाधिपति ने कहा कि समूह के सदस्यों के परिवारों की भी सहभागिता सुनिश्चित करें। उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा, कुपोषण दूर करने के उपाय, स्वास्थ्य, रक्षा आदि सुविधाओं पर भी कार्य करें ऐसा करने से परिवार सशक्त होंगे।

श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा अपने कार्य क्षेत्रों में उन्नत बीज का उत्पादन करें ताकि शत-प्रतिशत किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों में तैनात वैज्ञानिक किसान उत्पादक संगठन के लाभ एवं सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों का प्रचार-प्रसार ग्रामीण अंचलों तक पहंुचायें, जिससे अधिक से अधिक कृषक बन्धु अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए कृषि आय को दुगुनी कर सकें और उनका जीवन खुशहाल बन सके।

इस अवसर पर राज्यपाल ने किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) एवं स्वयं सहायता समूह की मार्गदर्शिका का विमोचन किया।