लखनऊ
मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सै० कल्बे जवाद नक़वी ने शरारती तत्वों द्वारा पैग़म्बर मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) और इस्लाम धर्म के अपमान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए, सरकार से ऐसे शरारती तत्वों के ख़िलाफ़ सख़्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।

मौलाना ने ईरान की सरज़मीन से बयान जारी करते हुए कहा कि इस्लाम हर धर्म और उसकी पवित्र शख्सियतों का सम्मान करता हैं। हम किसी भी धर्म की पवित्र शख्सियतों के अपमान को शरीयत के ख़िलाफ़ समझते हैं। मौलाना ने कहा कि पिछले कुछ सालों में पैग़म्बर मुहम्मद (स.अ.व) और इस्लाम धर्म के ख़िलाफ़ जहर घोला गया है जिसकी वजह से देश का माहौल ख़राब हुआ है। यह इस्लामोफोबिया का सबसे भयानक रूप है जो देश के भाईचारे के लिए बेहद ख़तरनाक है। ऐसे शरारती तत्वों को पार्टी से निष्कासित करना ही काफी नहीं है बल्कि उनके ख़िलाफ़ सख़्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। मौलाना ने कहा कि अलमिया यह है कि ऐसे लोगों को पैग़म्बर मुहम्मद (स.अ.व) के जीवन और इस्लामी शिक्षाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है और न ये लोग इस बारे में अध्ययन करने की कोशिश करते हैं। अज्ञानता ही सभी फ़साद और बुराईयों की जड़ है, या फिर जानबूझकर देश के माहौल को ख़राब करने की कोशिश की जा रही हैं, जिस पर सरकार और सर्वोच्च न्यायालय को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।