देशभर में युवाओं के हक़ के लिए संघर्षरत आंदोलन ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने बीपीएससी पेपर लीक मामले में बिहार की नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया है। मामले में हो रही जाँच पर गंभीर सवाल उठाते हुए अनुपम ने कई सवाल पूछा है।

उन्होंने कहा कि बिहार के सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा का पेपर लीक हुए आज एक महीना बीत चुका है, लेकिन अभी तक एसआईटी किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने में विफल रही है। बिहार के युवाओं के सपनों की सरेबाजार नीलामी हुई और सरकार में इच्छाशक्ति ही नहीं दिखती सच को सामने लाने की।

जाँच टीम को अब तक स्पष्ट कर देना चाहिए था कि प्रारंभिक परीक्षा से कितनी देर पहले व कहाँ से पेपर लीक हुआ? गिरोह को प्रश्न-पत्र मुहैया कराने वाला कौन था और उसकी संलिप्तता सरकार में बैठे किन लोगों से है? ऐसे कई सवाल हैं जो बीपीएससी अभ्यर्थी ही नहीं, बिहार की जनता जानना चाहती है। लेकिन पेपर लीक के लगभग एक महीना बाद भी इन सवालों का जवाब आज तक नहीं मिल पाया है।

उन्होंने आगे कहा कि इस पूरे प्रकरण में मुख्यमंत्री के करीबी अधिकारी भी सवालों के घेरे में हैं। ऐसे में बिहार सरकार कोई निष्पक्ष जाँच कर पाएगी ऐसा भरोसा नहीं किया जा सकता। इन्हीं कारणों से अभ्यर्थी एसआईटी जाँच की प्रगति से असंतुष्ट हैं।

युवा नेता अनुपम ने पेपर लीक की निष्पक्ष सीबीआई जाँच की मांग करते हुए कहा कि इतने बड़े पैमाने पर लीक सत्ता में बैठे लोगों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं। किसी साधारण निरीह कर्मचारी को गिरफ्तार कर मामले की लीपापोती करने की कोशिश करने की बजाए, सच की परतें खुलनी चाहिए ताकि फिर युवाओं के वर्षों की मेहनत के साथ खिलवाड़ न हो सके। यदि निष्पक्ष जाँच करके असल सरगनाओं को नहीं दबोचा जाता तो पेपर लीक की घटनाएं आगे भी होती रहेंगी। अनुपम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि बिहार के युवाओं को हल्के में लेकर उनके धैर्य की परीक्षा न ली जाए।