हमीरपुर: शहर के रमेड़ी मोहल्ले में फैले डायरिया की जमीनी हकीकत जानने को लेकर गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया। स्वास्थ्य विभाग की सूचना के बाद जल संस्थान की टीम ने पाइप लाइन का सर्वे कराया, लेकिन कहीं कोई लीकेज नहीं मिला। सर्वाधिक प्रभावित ज्ञानी गली से पानी का सैंपल लेकर लखनऊ जांच को भेजा गया है। दूसरी तरफ प्रभावित मरीजों का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है।
शहर के रमेड़ी तरौस इलाके से गंदे पानी का नाला निकलता है, जो सीधे बेतवा नदी में गिरता है। इसी नाले के आसपास बसे इलाके में कुछ दिनों से डायरिया के मामलों में बढ़ोत्तरी हो गई थी। दो दर्जन से अधिक लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया था, जो उपचार के बाद ठीक हो गए हैं।
गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रभावित इलाके का दौरा किया। यहां एक-एक घर में पहुंची टीम ने लोगों का हालचाल लिया। उन्हें क्लोरीन की दवाएं वितरित की गई। साथ ही पानी को उबाल कर पीने की सलाह दी गयी। स्वास्थ्य विभाग की सूचना के बाद जल संस्थान की टीम ने नाले के आसपास से निकली अपनी पाइप लाइनों का सर्वे किया, लेकिन कहीं कोई लीकेज नहीं मिला।
जल संस्थान के सहायक अभियंता बीके तिवारी ने बताया कि जलापूर्ति में कोई दिक्कत नहीं है। फिर भी सर्वाधिक प्रभावित ज्ञानी गली से एक सैंपल लेकर जांच को भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस इलाके के बाशिंदों को क्लोरीन की गोलियां बांटी हैं और सलाह दी है कि इन्हें जलापूर्ति वाले पानी में मिलाकर पिएं। साथ ही अगर किसी को लगता है कि दूषित जलापूर्ति हो रही हैं, तो वह पानी को उबालकर पिएं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.रावत ने बताया कि स्थिति अभी सामान्य हैं। लोगों को खानपान पर सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है। गर्मी के मौसम में इस तरह की संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। भ्रमण के दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.पीके सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव भी मौजूद रहे।
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