नई दिल्ली। भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने 9 जुलाई को विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल से भारत के बाहर होने के बाद से कोई क्रिकेट नहीं खेला है। तब से लेकर उनके संन्यास पर अटकलें लगी रहती हैं।। हालांकि, रांची के इस दिग्गज ने अपने भविष्य के बारे में कुछ नहीं बताया है, लेकिन कई लोगों का मानना ​​है कि उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेल लिया है। दूसरी तरफ उनके फैंस का मानना ​​है कि धोनी के पास अभी भी भारतीय क्रिकेट की पेशकश करने के लिए बहुत कुछ है। 39 साल के होने के बावजूद, धोनी खेल के मैच विजेता खिलाड़ियों में से एक हैं। बीसीसीआई के पूर्व चयनकर्ता रोजर बिन्नी ने भी धोनी की प्रशंसा की, लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि धोनी को अब एक तरफ कदम बढ़ाने और युवाओं के लिए रास्ता बनाने के बारे में सोचना चाहिए।

1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रह चुके बिन्नी ने कहा कि विकेटकीपर-बल्लेबाज अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें इस बात का आकलन करना चाहिए कि क्या वह खेल को जारी रखना चाहते हैं या बोली लगाना चाहते हैं। उन्होंने स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए कहा, “पिछले कुछ वक्त में मैंने उन्हें देखा है। धोनी अब अतीत वाले बेस्ट क्रिकेट से अलग हैं। हारते हुए मैच को पलटना, तेजतर्रार दिमाग, ताकत और जिस तरह वह खिलाड़ियों को मोटिवेट करते थे, यह सब अब बीत चुका है। उन्होंने अपनी थोड़ी फिटनेस भी खो दी है और अब सिस्टम के जरिये युवा खिलाड़ी सामने आ रहे हैं। वह वास्तव में अपना सर्वश्रेष्ठ दे चुके हैं।”

बिन्नी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि धोनी एक डाउन टू अर्थ व्यक्ति थे और उनके साथ काम करना एक शानदार अनुभव था। उन्होंने कहा, ”एक बात की हमने एमएस धोनी की प्रशंसा की कि वह पिछले क्रिकेटरों के प्रति बहुत सम्मान रखते थे। वह एक बहुत ही कम उम्र के व्यक्ति थे और क्रिकेटरों के लिए बहुत सम्मान और समय रखते थे। वह आपसे चर्चा करता है और आपको बताता है कि वह क्या चाहता था। वह मैदान पर मौजूद व्यक्ति थे और हमें उन्हें वह देना था जो वह चाहते थे लेकिन वह इसकी मांग नहीं करेंगे। वह अध्यक्ष और चयनकर्ताओं के साथ बात करते हैं और हमारे पास कोई तर्क या झगड़े नहीं हैं। उसके साथ काम करना बहुत अच्छा था।”