ब्रिटेन में कोरोना वायरस की चपेट में आने वालों का कर्व एक बार ऊपर की ओर जा रहा और इस देश में हर 11 दिन में कोविड-19 के उन मरीज़ों की तादाद दुगुनी हो रही है जो इंडियन वेरिअन्ट या डेल्टा वेरिअन्ट की चपेट में आ रहे हैं।

इरना के मुताबिक़, शोध संस्था ‘रीऐक्ट’ के डेटा बताते हैं कि 3 मई से 7 जून के बीच ब्रिटेन में कोरोना के केस 50 फ़ीसदी बढ़े जिसका नब्बे फ़ीसदी हिस्सा इंडियन वेरिअन्ट के मरीज़ों पर आधारित है।

प्रोफ़ेसर स्टीफ़न रेली जो इम्पीरियल कॉलेज लंदन में संक्रामक बीमारियों के शिक्षक और रिऐक्ट की रिपोर्ट के तय्यार करने वालों में हैं, का कहना है कि ब्रिटेन कोरोना पैन्डेमिक की अलग स्थिति के नए फ़ेज़ में है, जिससे अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो गया है।

ब्रिटिश सरकार ने वादा किया है कि वह अगले महीने सभी बुज़ुर्ग लोगों को टीका लगाएगी, लेकिन डेल्टा वेरिअन्ट के फैलने की वजह से 21 जून तक कोरोना की वजह से लगायी गयी चौथे चरण पाबंदियों को ख़त्म करने की प्रक्रिया, स्थगित हो जाएगी, यानी पाबंदियो की मुद्दत बढ़ जाएगी।

इस बीच ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने इस बात का ज़िक्र करते हुए कि कोरोना को आसानी से ख़त्म नहीं किया जा सकता, कहा कि हमें इस वायरस के साथ ज़िन्दगी गुज़ारना सीखना होगा।