• जंतर मंतर पर ‘युवा हल्ला बोल’ का प्रदर्शन, नेताओं को थाने में किया डिटेन
  • कई छात्र गंभीर रूप से घायल, महिलाओं से बदतमीज़ी की शिकायत

दिल्ली ब्यूरो
दिल्ली के जंतर मंतर पर आज अपनी नियुक्ति के लिए प्रर्दशन करे रहे SSC GD 2018 के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल भी हो गए। घायलों में महिलाएं भी हैं जिन्होंने बदतमीज़ी की शिकायत की है।

बताते चले कि इससे पहले 27 जुलाई को जब अभ्यर्थी प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली में इक्कठे हुए थे तब उन्हें जंतर मंतर नहीं जाने दिया गया था। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि वो 16 अगस्त को अभ्यर्थियों की बात गृह मंत्रालय के उच्च अधिकारियों से करवाएंगे। लेकिन पुलिस अपने वादे से मुकरते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार भी छीनने लगी। मजबूरन जब अभ्यर्थी आज प्रदर्शन करने के लिए जंतर मंतर पहुँचे तो तानाशाही रवैय्ये का सामना करना पड़ा।

पुलिस ने बलप्रयोग करते हुए ‘युवा हल्ला बोल’ के लीडर रिशव रंजन और रजत यादव सहित सभी अभ्यर्थियों को हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग थाने ले गई। युवाओं में इसपर अत्यंत आक्रोश है और उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें उच्च अधिकारियों द्वारा कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया जाएगा वो पीछे नहीं हटेंगे।

अंतिम खबर मिलने तक ‘युवा हल्ला बोल’ महासचिव रजत यादव और चार अन्य अभ्यर्थियों को संसद मार्ग थाने लाया गया जहाँ उन्हें डराया धमकाया जा रहा। अन्य सभी अभ्यर्थियों को पुलिस ने मंदिर मार्ग थाने में डिटेन कर रखा है।

‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने दिल्ली पुलिस की हरकत को कायराना बताया है। अनुपम ने मांग किया कि सभी प्रदर्शनकारियों को अविलंब रिहा किया जाए और अभ्यर्थियों की मांग पर सुनवाई हो। सरकार यह भूल न करे कि बेरोज़गार युवाओं को डरा धमका कर चुप करवाया जा सकता है।