देश के आर्थिक हालातों पर केंद्र सरकार के कई अहम् फैसले


नई दिल्ली: कोरोनावायरस लॉकडाउन के बाद से बिगड़े देश के आर्थिक हालातों पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए 1540 सहकारी बैंकों को आरबीआई के तहत लाने का निर्णय लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, ‘अब 1,540 सहकारी बैंक RBI के तहत आ जाएंगे. इनमें 1482 शहरी सहकारी बैंकों और 58 बहु-राज्य सहकारी बैंक शामिल हैं.

मुद्रा शिशु लोन पर घटेगा ब्याज

इन सरकारी बैंकों को अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की पर्यवेक्षी शक्तियों के तहत लाया जा रहा है; आरबीआई की शक्तियां जैसे कि अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, वैसे ही सहकारी बैंकों के लिए भी लागू होंगी. केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि मुद्रा शिशु लोन पर ब्याज दर 2 प्रतिशत घटाने का फैसला किया गया है

6 महीने बढ़ा आयोग का कार्यकाल

इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने उस आयोग के कार्यकाल को भी 6 महीने बढ़ाने का निर्णय लिया है जिसका गठन संविधान के आर्टिकल 340 के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग के भीतर उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच के लिए किया गया था. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आयोग को अन्य पिछड़े वर्गों से संबंधित विभिन्न सिफारिशें करने का काम सौंपा गया था. लेकिन कोरोना वायरस प्रकोप के कारण यह काम प्रभावित हुआ. अब इस आयोग का कार्यकाल 31 जनवरी 2021 तक होगा.

कुशीनगर से शुरू होगी अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा

वहीं कैबिनेट ने कुछ और अहम फैसले लिए जिनमें से एक यूपी कुशीनगर से अब अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा की शुरुआत होगी. वहीं म्यांमार में गैस ब्लॉक पर 900 करोड़ का निवेश किया जाएगा. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डेयरी, पॉल्ट्री और मांस प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिये 15,000 करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचा कोष को मंजूरी दी.