लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा माह का शुभारम्भ करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को कहा कि थोड़ी सी सावधानी बरत कर सड़क हादसों में होने वाली मौतों को रोका जा सकता है।
श्री योगी ने कहा कि सड़क यातायात के लिये बनाये गये नियमों का पालन करके न सिर्फ अपनी जान की रक्षा कर सकते है बल्कि अपने परिवार की खुशियों को भी बरकरार रख सकते हैं। सड़क हादसों में हर रोज बड़ी संख्या में अपनी जान गंवाते है। इसे रोका जा सकता है,बस थोड़ी सी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
उन्होने कहा कि आज से 20 फरवरी तक हर जिले में अनवरत कार्यक्रम आयोजित होंगे,इसमे परिवहन विभाग , स्वास्थ्य विभाग के अलावा स्कूल और कॉलेज सड़क यातायात जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे। सड़क दुर्घटनाओं के कारक लोगों को बताये जायेंगे। उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले साढ़े तीन वर्षों में सड़क हादसों को रोकने की दिशा में कई कदम उठाए हैं जिसका परिणाम है कि वर्ष 2018,19 और 2020 के आंकड़ों में काफी अंतर दिखाई पड़ा है,लेकिन अभी भी काफी काम करने हैं। इसके लिए सड़क निर्माण से जुड़ी संस्थाएं चाहे लोक निर्माण विभाग,या राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण हों सभी को इसके कारण चिन्हित करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेज रफ्तार अधिकांश दुर्घटनाओं का कारण बनता है जबकि हाइवे पर अवैध अवरोध, शराब पीकर गाड़ी चलाना या अनावश्यक रास्ते मे मोबाइल चेक करना जैसे अनेक कारणों से आयेदिन लोग अपनी जान गंवा रहे है। यानी कारण छोटा सा होता है,लेकिन दुर्घटनाओं से परिवारों,समाज को बड़ी कीमत चुकाना पड़ता है। आज का कार्यक्रम इन्ही सब के लिए आयोजित है।
उन्होने कहा कि अक्सर देखा जाता है शराब पीकर लोग गाड़ी चलाते हैं,इसके लिए परिवहन विभाग अभियान चलाता है। गाड़ी चलाने योग्य लाइसेंस को देखने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग की है। एक माह तक चलने वाले इस अभियान से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के सम्बंध में काफी मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम के लिए पूरे प्रदेश में हर जिले में जिलाधिकारी इसका नोडल अधिकारी होगा जो स्कूल कॉलेज में जाकर सड़क के नियमो के लिए कार्यक्रम आयोजित करेगा।
मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…
बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…
मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…
-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…
(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…
(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…